प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) यूरोप (Europe) के तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में सोमवार को जर्मनी (Germany) पहुंचे, जहां वह जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज (Olaf Scholz) के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे तथा भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विचार विमर्श कार्यक्रम की सह अध्यक्षता करेंगे. मोदी ने यहां पहुंचने पर ट्वीट किया, ‘‘ बर्लिन पहुंच गया. आज मैं चांसलर ओलाफ शॉल्ज से बातचीत करूंगा, कारोबारी दिग्गजों से मुलाकात करूंगा और समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित करूंगा. मुझे पूरा विश्वास है कि इस यात्रा से भारत और जर्मनी के बीच मित्रता प्रगाढ़ होगी.''
PM @narendramodi emplanes for Berlin, where he will take part in various programmes aimed at strengthening India-Germany cooperation. pic.twitter.com/zuuAASvdAq
— PMO India (@PMOIndia) May 1, 2022
ब्लूमबर्ग के अनुसार, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ (Olaf Scholz) की योजना है कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले महीने होने जा रही जी 7 देशों की बैठक में विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित कर रूस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर सकें. जर्मनी के पास इस समय G-7 देशों की अध्यक्षता है. जर्मनी ने इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, और सेनेगल को भी जून 26-28 तक होने जा रही बैठक में आमंत्रित किया है. भारत को G-7 की बैठक में बुलाए जाने पर अभी आखिरी निर्णय नहीं हुआ है. बर्लिन में भारत-जर्मनी की संयुक्त कैबिनेट बैठक में ओलाफ शोल्ज़ जब प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करेंगे तब इस पर अंतिम फैसला हो सकता है.
मोदी और ओलाफ छठे भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विचार विमर्श (आईजीसी) कार्यक्रम की सह अध्यक्षता करेंगे.
रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान में कहा कि बर्लिन की उनकी यात्रा चांसलर शॉल्ज से बातचीत का अवसर प्रदान करेगी जिनसे उन्होंने पिछले वर्ष जी20 में मुलाकात की थी,तब वह वाइस चांसलर और वित्त मंत्री थे.
उन्होंने कहा, ‘‘ हम छठे भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विचार विमर्श (IGC) की सह अध्यक्षता करेंगे, यह एक विशिष्ट कार्यक्रम है जिसे भारत केवल जर्मनी के साथ करता है.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं इस आईजीसी को जर्मनी की नयी सरकार के साथ बातचीत की पहल के तौर पर देखता हूं, जो सरकार के गठन के छह माह के भीतर हो रही है. इससे मध्यम और दीर्घकालिक प्राथमिकताओं की पहचान करने में मदद मिलेगी.''
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2021में भारत और जर्मनी ने राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया और देशों देश 2000 से सामरिक साझेदार हैं.
उन्होंने कहा ,‘‘मैं दोनों देशों के बीच रणनीतिक, क्षेत्रीय और वैश्विक विकास से जुड़े मुद्दों पर चांसलर शॉल्ज के साथ बातचीत करने को लेकर उत्सुक हूं.''
दोनों नेता एक उच्च स्तरीय बैठक को भी संबोधित करेंगे और दोनों देशों की शीर्ष कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ भी बातचीत करेंगे.
उन्होंने कहा ,‘‘ भारत और जर्मनी के बीच दीर्घकालिक वाणिज्यिक संबंध हमारी रणनीतिक साझेदारी का एक स्तंभ है,चांसलर शॉल्ज और मैं मिलकर ‘बिजनेस राउंड टेबिल' को भी संबोधित करेंगे। इसका लक्ष्य हमारे उद्योगों के बीच समन्वयन में नयी ऊर्जा पैदा करना है जिससे हमें दोनों देशों के बीच कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक सुधार में मदद मिलेगी.''
प्रधानमंत्री का जर्मनी में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करने का कार्यक्रम है.
गौरतलब है कि बर्लिन के बाद प्रधानमंत्री तीन मई को डेनमार्क जाएंगे जहां वह अपनी समकक्ष मेटे फ्रेडरिक्सन से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वहां वह द्वितीय भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.
अपनी यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री मोदी कुछ समय के लिये फ्रांस में रुकेंगे, जहां वह फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे.
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