पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने वाघा में रविवार को हुए आत्मघाती हमले के बाद कहा है कि आतंकवादियों का पूरी तरह सफाया किए जाने तक 'जर्ब-ए-अज्ब' अभियान जारी रहेगा। इस घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 59 हो गई है।
कराची अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर आतंकवादी हमले के बाद सेना ने तालिबान आतंकवादियों के खिलाफ 'जर्ब-ए-अज्ब' अभियान शुरू किया था।
आत्मघाती हमले में 110 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं, इनमें से कुछ की हालत नाजुक है।
हमले में मारे गए लोगों की संख्या को लेकर अलग-अलग खबरें आ रही हैं। कुछ खबरों में 59 तो कुछ में 60 लोगों के मारे जाने की बात कही गई है।
जुंदुल्ला और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़े जमात-उल-अहरार संगठन ने अलग-अलग बयान जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
नवाज ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि सेना आतंकवादियों के सफाए तक अभियान जारी रखेगी।
प्रधानमंत्री ने हमले की तत्काल जांच के आदेश दिए हैं और पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ को इसकी रपट पेश करने को कहा है। पंजाब के कानून मंत्री मुज्तबा शुजौर रहमान का दावा है कि हमलावर जीटी रोड स्थित चार सुरक्षा चौकियों को पार करने में कामयाब रहा था।
खुफिया एजेंसियों से संभावित खतरे के बारे में जानकारी मिलने के बाद चार में से दो सुरक्षा चौकियां रविवार सुबह स्थापित की गई थीं।
मंत्री ने कहा कि हमलावर का निशाना झंडा उतारने का कार्यक्रम था।
पंजाब के गृह मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, हमले में 10 से 15 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था।
'डॉन' के अनुसार, इवैक्यूई ट्रस्ट प्रापर्टी बोर्ड के अध्यक्ष सिद्दिकुल फारूक ने कहा कि उन 2,000 सिख तीर्थयात्रियों को सुरक्षा दी जाएगी, जो गुरु नानक की जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय जश्न में शामिल होने मंगलवार को लाहौर पहुंचेंगे।
फारूक ने कहा, वाघा में हुआ आत्मघाती हमला लगता है कि किसी सुरक्षा चूक के कारण हुआ है और हम यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि यह घटना दोबारा न हो, विशेषकर तब जब 2,000 सिख तीर्थयात्री वाघा रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे।
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