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This Article is From Feb 05, 2011

लोगों की आवाज जरूर सुनें मुबारक : ओबामा

वाशिंगटन: मिस्र में जारी सरकारी विरोधी प्रदर्शनों का शनिवार को 12वां दिन है। विरोधियों की राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को दी गई शुक्रवार की डेडलाइन भी खत्म हो गई है, लेकिन मुबारक राष्ट्रपति पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उधर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी मिस्र में सत्ता हस्तांतरण पर जोर देते हुए कहा कि राष्ट्रपति मुबारक को मिस्र के लोगों की बात सुननी चाहिए। इसके साथ ही ओबामा ने पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हुए हमलों की भी जोरदार निंदा की। ओबामा ने कहा, मिस्र के सुनहरे भविष्य के लिए सिर्फ एक ही बात काम कर सकती है और वह है सत्ता का शांतिपूर्ण तरीके से हस्तांतरण, जिसमें सभी दलों के लोग शामिल हों। लोकतांत्रिक दल नेतृत्व करें, निष्पक्ष चुनाव हों, एक जिम्मेदार सरकार हो, जो मिस्र के लोगों की परेशानियों को दूर करे। ओबामा ने कहा कि जब मुबारक खुद ही कह चुके हैं कि वह अब सत्ता में नहीं रहना चाहते, उन्हें सोचना चाहिए कि इस संक्रमण के दौर में वह अपनी कैसी विरासत छोड़कर जाना चाहते हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफेन हार्पर के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में ओबामा ने कहा, मुझे आशा है कि वे (मुबारक) एक सही निर्णय लेंगे। ओबामा ने कहा कि उन्होंने मुबारक को उनकी सरकार में शामिल लोगों की सलाह लेने का परामर्श दिया है। उन्होंने बताया कि अब तक वह दो बार मुबारक से बातचीत कर चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, उन्हें मिस्र के लोगों की बात सुनने की जरूरत है। और उन्हें आगे के रास्तों के लिए निर्णय करना है, जो सिर्फ व्यवस्थित ही नहीं, बल्कि सही और अर्थपूर्ण भी हों। उन्होंने कहा, हम मिस्र के लोगों का भविष्य तय नहीं करेंगे। मगर मैंने यह भी कहा है कि पिछले दो सप्ताह में जो हुआ है, उसे देखते हुए पुराने दिनों में वापस लौटना सही नहीं है। ओबामा ने कहा, दमन अब कारगर नहीं है। हिंसा भी उपयोगी नहीं है। सूचनाओं का प्रवाह रोकने का प्रयास भी अब प्रभावी नहीं रहा है। पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों पर हो रहे हमलों को अस्वीकार्य बताते हुए ओबामा ने कहा कि उनका प्रशासन वहां की स्थिति पर गहरी नजर रखे हुए है। ओबामा ने कहा, हाल के दिनों में हमने मिस्र की सड़कों पर हिंसा और उत्पीड़न होते देखा है। यह मानवाधिकार, वैश्विक मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, इसलिए हम एक आवाज में एक दृढ़ संदेश भेज रहे हैं। पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों पर हमले अस्वीकार्य हैं। ओबामा ने जोर देकर कहा कि मिस्र का मामला हिंसा से हल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को जिस तरह संयम बरता गया, उससे वह उत्साहित हैं और उन्हें उम्मीद है कि आगे भी ऐसा ही होगा। उन्होंने कहा, मिस्र में स्थिति बहुत नाजुक है और अमेरिका बेहद गहरी नजर रखे हुए है।

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मिस्र, हुस्नी मुबारक, बराक ओबामा