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‘एवरेस्ट मैन’ ने तोड़ा खुद का रिकॉर्ड! 31 साल में 31 बार हिमालय चोटी नापी, जानें नेपाल क्यों शुक्रियागुजार

Nepali 'Everest Man' breaks own record:कामी रीता शेरपा पहली बार साल 1994 में एक कमर्शियल एक्सपीडिशन के लिए काम करते समय माउंट एवरेस्ट की चोटी पर खड़े हुए थे. उसके बाद वो लगभग हर साल एवरेस्ट पर गए हैं.

‘एवरेस्ट मैन’ ने तोड़ा खुद का रिकॉर्ड! 31 साल में 31 बार हिमालय चोटी नापी, जानें नेपाल क्यों शुक्रियागुजार
कामी रीता शेरपा पहली बार साल 1994 में एवरेस्ट पर चढ़े थे (फाइल फोटो)

Nepali 'Everest Man' breaks own record: नेपाल के 55 साल के "एवरेस्ट मैन" मैन ने एक और बार इतिहास बना दिया है. पहली बार हिमालय के सबसे उचें शिखर पर पहुंचने के 31 साल बाद मंगलवार को उन्होंने रिकॉर्ड 31वीं बार दुनिया के इस सबसे ऊंचे पर्वत के शिखर पर नेपाल का झंडा लहरा दिया है. है न कमाल- 31 साल में 31 बार हिमालय नापना. उनका नाम है कामी रीता शेरपा.

इस बार के रोमांचकारी पर्वातारोहण के आयोजक सेवन समिट ट्रेक्स के एक बयान में कहा गया, "एवरेस्ट पर उनकी 31वीं सफल चढ़ाई पर महान कामी रीता शेरपा को बहुत-बहुत बधाई - इतिहास में किसी भी व्यक्ति द्वारा एवरेस्ट पर चढ़ाई की यह सबसे अधिक संख्या है… कामी रीता शेरपा को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है. वह सिर्फ एक राष्ट्रीय पर्वतारोहण नायक नहीं हैं, बल्कि एवरेस्ट के एक वैश्विक प्रतीक हैं."

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क्या शानदार रहा है सफर

कामी रीता शेरपा पहली बार साल 1994 में एक कमर्शियल एक्सपीडिशन के लिए काम करते समय माउंट एवरेस्ट की चोटी पर खड़े हुए थे. उसके बाद से वह अपने क्लाइंट का मार्गदर्शन करते हुए लगभग हर साल एवरेस्ट पर चढ़े हैं. शेरपा ने एक साल पहले 29वीं और 30वीं बार 8,849 मीटर (29,032 फुट) ऊंची चोटी पर चढ़ने के बाद कहा था कि वह "सिर्फ अपना काम कर रहे थे" और रिकॉर्ड बनाने की उनकी कोई योजना नहीं है.

उन्होंने मई 2024 में न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया था, "मैं रिकॉर्ड के लिए खुश हूं, लेकिन रिकॉर्ड आखिर में टूट जाते हैं… मुझे इस बात की खुशी है कि मेरी चढ़ाई से नेपाल को दुनिया में पहचान मिली है."

सेवन समिट ट्रेक्स ने कहा कि कामी रीता शेरपा ने भारतीय सेना टीम के नेता के रूप में मंगलवार को चढ़ाई पूरी की. वह "न केवल खुद शिखर पर पहुंचे, बल्कि टीम के अंतिम शेष सदस्यों को भी शीर्ष पर ले गए और गाइड किया".

'अगली ऊंचाई तक'

कामी रीता शेरपा  के लिए यह उपलब्धि तब आई है जब वसंत चढ़ाई का मौसम अपने अंत के करीब है. नेपाल के पर्यटन विभाग के अनुसार, अच्छे मौसम का लाभ उठाते हुए, रास्ता खुलने के बाद से 500 से अधिक पर्वतारोही और उनके गाइड पहले ही एवरेस्ट के शिखर पर पहुंच चुके हैं.

इस सीजन में हाल के सालों में एवरेस्ट पर अब तक सबसे कम मौतें दर्ज की गई हैं. अब तक इस सीजन इसके ऊंचे शिविरों पर दो पर्वतारोहियों, एक फिलिपिनो और एक भारतीय, की मौत हो गई है.

नेपाल ने इस सीजन में पर्वतारोहियों के लिए 1,100 से अधिक परमिट जारी किए हैं, जिनमें एवरेस्ट के लिए 458 परमिट शामिल हैं, जिससे रॉयल्टी में देश को $5 मिलियन से अधिक की कमाई हुई है.

नेपाल दुनिया की 10 सबसे ऊंची चोटियों में से आठ का घर है और हर वसंत में सैकड़ों साहसी लोगों का स्वागत करता है, जब तापमान गर्म होता है और हवाएं आमतौर पर शांत होती हैं. इस महीने की शुरुआत में 51 साल के ब्रिटिश पर्वतारोही केंटन कूल ने 19वीं बार एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की. उन्होंने किसी भी गैर-नेपाली द्वारा सर्वाधिक शिखर पर चढ़ने के अपने ही रिकॉर्ड को आगे बढ़ाया.

पर्यटन मंत्रालय के अधिकारी हिमाल गौतम ने कहा कि कामी रीता शेरपा की उपलब्धि देश के व्यापक प्रयासों को दर्शाती है. गौतम ने कहा, "कामी रीता शेरपा की रिकॉर्ड चढ़ाई ने नेपाल के पर्वतारोहण क्षेत्र को अगली ऊंचाई पर ले जाने में मदद की है."

गौरतलब है कि एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे शेरपा द्वारा 1953 में पहली बार चढ़ाई करने के बाद से चढ़ाई में तेजी ने पर्वतारोहण को एक आकर्षक व्यवसाय बना दिया है. पिछले साल 800 से अधिक पर्वतारोही एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे, जिनमें 74 उत्तरी तिब्बत की ओर से थे.
 

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