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This Article is From Aug 12, 2017

पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्‍वी के आयनमंडन का अध्‍ययन करेगी नासा

हालांकि पूर्ण सूर्य ग्रहण के कुछ अति सूक्ष्‍म या नजर नहीं आने वाले प्रभाव भी होंगे जैसे कि सूर्य से आने वाले अल्‍ट्रावायलेट रेडिएशन में जबरदस्‍त गिरावट.

पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्‍वी के आयनमंडन का अध्‍ययन करेगी नासा
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
नई दिल्‍ली: अमेरिकी अंतरक्षि एजेंसी नासा ने आगामी पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान धरती के आयनमंडल यानी आयनोस्‍फेयर के अध्‍ययन की तैयारी पूरी कर ली है. 21 अगस्‍त को चंद्रमा सूर्य के सामने होगा और वह भी थोड़े लंबे समय के लिए जिससे अमेरिका में थोड़ी देर के लिए दिन धुंधली रात में तब्‍दील हो जाएगा. चंद्रमा की छाया सूर्य की रोशनी को रोक देगी और अगर मौसम साफ रहा तो लोग सूर्य के बाहरी परिमंडल को देख पाएंगे जिसे कोरोना कहा जाता है.

हालांकि पूर्ण सूर्य ग्रहण के कुछ अति सूक्ष्‍म या नजर नहीं आने वाले प्रभाव भी होंगे जैसे कि सूर्य से आने वाले अल्‍ट्रावायलेट रेडिएशन में जबरदस्‍त गिरावट. आपको बता दें कि इसी अल्‍ट्रावायलेट रेडिएशन की भी पृथ्‍वी के वायुमंडल की आयोनाइज्‍ड सतह बनती है जिसे आयनमंडल कहा जाता है. वायुमंडल का यह क्षेत्र सूर्य की स्थितियों के अनुसार फैलता और सिकुड़ता रहता है और वैज्ञानिक ग्रहण को रेडीमेड एक्‍सपेरिमेंट की तरह इस्‍तेमाल करेंगे.

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अमेरिका के कोलोराडो बोल्‍डर यूनिवर्सिटी के अंतरिक्ष वैज्ञानिक बॉब मार्शल ने बताया, 'ग्रहण आयनमंडल के तीर्व ऊर्जा वाले रेडिएशन के स्रोत को बंद कर देता है.

पूर्ण सूर्य ग्रहण का अध्ययन करेंगे नासा के गुब्बारे
दूसरी तरफ नासा आसमान में गुब्बारे भेजने के लिए अमेरिका में विद्यार्थियों की टीमों के साथ सहयोग कर रही है. यह कदम एक अत्यंत अनोखे एवं व्यापक ग्रहण अवलोकन अभियान का हिस्सा है. इस अभियान से पृथ्वी के अलावा जीवन के बारे में समझ बढ़ाने में मदद मिलेगी. नासा के 'इक्लिप्स बैलून प्रोजेक्ट' की अगुवाई मोनटाना स्टेट यूनिवर्सिटी की एंजेला डेस जार्डिन कर रही हैं. इसके तहत 50 से ज्यादा ऊंचाई तक जाने वाले गुब्बारे भेजे जाएंगे, जो 21 अगस्त के पूर्ण सूर्य ग्रहण के सजीव फुटेज अंतरिक्ष एजेंसी की वेबसाइट को भेजेंगे.

नासा कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली के एमेस रिसर्च सेंटर के साथ कम कीमत के 34 गुब्बारे के प्रयोग के संचालन के लिए सहयोग करेगी. इन गुब्बारों को माइक्रोस्ट्रेट कहते हैं. ये धरती से परे जीवन की क्षमता का पता लगाएंगे. जार्डिन ने कहा, "इंटरनेट पर संजीव स्ट्रीमिंग से हम दुनियाभर के लोगों को ग्रहण को खास तरह से अनुभव करने का मौका दे रहे हैं, भले ही वे सीधे ग्रहण नहीं देख पाएं."

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