वैज्ञानिक शनि के चंद्रमा टाइटन पर जीवन की संभावना तलश रहे हैं
वाशिंगटन:
अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने वर्ष 2020 के मध्य में भेजे जाने वाले एक रोबोटिक मिशन के लिए दो अंतिम अवधारणाओं का चयन कर लिया है. इसके तहत एक धूमकेतु से नमूने लाए जाएंगे तथा शनि ग्रह के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटन पर जीवन की संभावना को तलाशने के लिये एक ड्रोन जैसा रोटरक्राफ्ट वहां भेजा जाएगा. नासा ने विस्तृत और प्रतियोगितात्मक समीक्षा प्रक्रिया के बाद इन अपधारणाओं की घोषणा की जिन्हें उन 12 प्रस्तावों में से चुना गया है जो अप्रैल में की गई न्यू फ्रंटियर्स कार्यक्रम की घोषणा के तहत जमा कराए गए थे. वाशिंगटन में नासा के विज्ञान मिशन निदेशालय के थॉमस जुरबुकेन ने बताया, “विज्ञान की खोज के लिए हमारे अगले मिशन को विकसित करने की दिशा में यह एक बड़ी बढ़त है.”
यह भी पढ़ें : नासा का बड़ा कारनामा, वैज्ञानिकों ने की सबसे अधिक दूरी पर स्थित ब्लैक होल की खोज
उन्होंने कहा, “यह उन खोजों के लिए रास्ता बनाता है जो हमारे सौरमंडल में मौजूद कुछ बड़े सवालों का जवाब दे सकते हैं.” सीजर (कोमेट एस्ट्रोबायोलॉजी एक्सप्लोरेशन सैंपल रिटर्न) मिशन धूमकेतु के न्यूक्लियस से एक नमूना प्राप्त कर उसके इतिहास और उद्भव का पता लगाएगा.
VIDEO: ब्रह्मांड की सबसे ठंडी जगह बनाने में जुटे वैज्ञानिक...
धूमकेतु या पुच्छल तारे प्राचीन तारों, तारों के बीच मौजूद बादलों और हमारे सौरमंडल की उत्पत्ति से निकले पदार्थों से बने हुए होते हैं. सीजर द्वारा प्राप्त नमूने दर्शाएंगे कि कैसे इन पदार्थों ने प्रारंभिक धरती के निर्माण में योगदान दिया था जिनमें धरती के समुद्रों के बनने की प्रक्रिया और ग्रह पर जीवन की उत्पत्ति शामिल है. इसी तरह एक ड्रोन जैसा रोटरक्राफ्ट शनि ग्रह के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटन पर भेजा जाएगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह भी पढ़ें : नासा का बड़ा कारनामा, वैज्ञानिकों ने की सबसे अधिक दूरी पर स्थित ब्लैक होल की खोज
उन्होंने कहा, “यह उन खोजों के लिए रास्ता बनाता है जो हमारे सौरमंडल में मौजूद कुछ बड़े सवालों का जवाब दे सकते हैं.” सीजर (कोमेट एस्ट्रोबायोलॉजी एक्सप्लोरेशन सैंपल रिटर्न) मिशन धूमकेतु के न्यूक्लियस से एक नमूना प्राप्त कर उसके इतिहास और उद्भव का पता लगाएगा.
VIDEO: ब्रह्मांड की सबसे ठंडी जगह बनाने में जुटे वैज्ञानिक...
धूमकेतु या पुच्छल तारे प्राचीन तारों, तारों के बीच मौजूद बादलों और हमारे सौरमंडल की उत्पत्ति से निकले पदार्थों से बने हुए होते हैं. सीजर द्वारा प्राप्त नमूने दर्शाएंगे कि कैसे इन पदार्थों ने प्रारंभिक धरती के निर्माण में योगदान दिया था जिनमें धरती के समुद्रों के बनने की प्रक्रिया और ग्रह पर जीवन की उत्पत्ति शामिल है. इसी तरह एक ड्रोन जैसा रोटरक्राफ्ट शनि ग्रह के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटन पर भेजा जाएगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)