
मलेशिया एयरलाइंस के लापता विमान के पायलटों और नियंत्रण टॉवर के बीच अंतिम 54 मिनट की बातचीत का खुलासा एक अखबार ने किया है।
द टेलीग्राफ के मुताबिक, लापता मलेशियाई विमान एमएच 370 के को-पायलट फारिक अब्दुल हामिद और नियंत्रण टावर के बीच 8 मार्च को बातचीत रात 12:15 बजे शुरू हुई। रात 1:19 बजे हामिद ने अंतिम संदेश में कहा था, 'सब ठीक है, शुभरात्रि।'
जांकर्ताओं का दावा है कि बातचीत की शुरुआत तब हुई जब विमान में छेड़छाड़ हो चुकी थी और उनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि बातचीत 'पूरी तरह रोजमर्रा' की जैसी प्रतीत होती है, लेकिन फिर भी दो असामान्य बातें निकल कर आती हैं।
विश्लेषकों की दृष्टि में पहली असामान्य बात यह है कि रात 1:07 बजे संदेश में कहा गया कि विमान 35000 फुट की ऊंचाई पर है। यही संदेश छह मिनट के अंतराल पर दोहराया गया।
एयरक्राफ्ट कम्युनिकेशन एड्रेसिंग एंड रिपोर्टिंग सिस्टम (एसीएआरएस) भी अंतिम संदेश भेजे जाने के 30 मिनट बाद संभवत: जानबूझकर निष्क्रिय कर दिया गया। जांकर्ताओं का मानना है कि एसीएआरएस को हामिद के 1:19 बजे अंतिम संदेश देने के पहले बंद कर दिया गया था। एक अलग ट्रांसपोंडर को 1:21 बजे बंद कर दिया गया था।
दूसरी असामान्य बात जांचकर्ताओं की नजर में यह है कि विमान की गुमशुदगी दुर्घटना नहीं है। संपर्क टूट जाने के बाद विमान को पश्चिम की दिशा में उस बिंदु पर मोड़ दिया गया, जब कुआलालंपुर के वायु यातायात नियंत्रक उसका नियंत्रण हो ची मिन्ह के हवाले करते हैं।
बोइंग 777 उड़ा चुके ब्रिटिश एयरवेज के एक पूर्व पायलट स्टीफन बजडेगन ने कहा, 'यदि मुझे विमान को चुराना होता तो मैं उसी बिंदु पर ऐसा करता। विमान यातायात नियंत्रकों के बीच कुछ दूरी डेड स्पेस होती है। यही वह वक्त होता है जिस दौरान विमान को जमीन से नहीं देखा जा सकता।'
इस नए खुलासे से इस अनुमान को बल मिलने वाला है कि क्या लापता एमएच 370 किसी दुर्घटना का या अपहरण का शिकार हुआ। यदि पायलटों का गुमशुदगी में हाथ होता है तो वे अपनी मंशा छिपाने में अत्यंत सतर्क रहते हैं।
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