सऊदी अरब और पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे (Kashmir) समेत अन्य लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बातचीत के महत्व को रेखांकित किया है. यह बात एक साझा बयान में कही गई जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) और सऊदी शासक प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच सात अप्रैल को मक्का के अल-सफा पैलेस में हुई एक आधिकारिक बैठक के एक दिन बाद जारी किया गया. संयुक्त बयान के अनुसार, उनकी चर्चा सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच भाईचारे वाले संबंधों को मजबूत करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के रास्ते तलाशने पर केंद्रित रही. बयान में कहा गया कि उन्होंने कश्मीर समेत क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की.
भारत-पाक के बीच बातचीत के महत्व पर जोर
बयान के मुताबिक, 'दोनों पक्षों ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच लंबित मुद्दों, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर विवाद को हल करने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया.' नई दिल्ली का हमेशा यह रुख रहा है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता या हस्तक्षेप का कोई सवाल ही नहीं है.
जम्मू-कश्मीर भारत का अहम अंग
भारत पाकिस्तान से बार-बार कहता रहा है कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा. भारत ने कहा कि वह पाकिस्तान के साथ आतंक, शत्रुता और हिंसा मुक्त माहौल में सामान्य पड़ोसियों जैसे संबंध चाहता है. संयुक्त बयान में यह भी कहा गया कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में खाड़ी साम्राज्य की सहायक भूमिका, बिजनेस और निवेश संबंधों को मजबूत करने की पारस्परिक इच्छा पर जोर दिया गया. दोनों पक्षों ने 5 बिलियन डॉलर के निवेश पैकेज की पहली वेव में तेजी लाने की प्रतिबद्धता जताई, जिस पर पहले भी चर्चा की गई थी.
गाजा में शांति की कोशिशों पर बात
दोनों नेताओं ने गाजा में चिंताजनक हालात समेत आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर बातचीत की. गाजा में इजरायली सैन्य अभियानों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की अपील की. "उन्होंने सुरक्षा परिषद और महासभा के प्रासंगिक प्रस्तावों के साथ-साथ अरब शांति पहल के मुताबिक, शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की जरूरत पर चर्चा की, जिसका उद्देश्य पूर्वी येरुशलम को राजधानी के रूप में एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के लिए एक उचित और व्यापक समाधान ढूंढना है.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सऊदी प्रिंस बिन सलमान को पाकिस्तान की आधिकारिक यात्रा के लिए आमंत्रित किया, जिसे क्राउन प्रिंस ने स्वीकार कर लिया. शहबाज शरीफ शनिवार को उमरा करने और सऊदी अरब के नेतृत्व से मिलने पहुंचे थे. इस दौरान दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर चर्चा की.
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