जापान में आए भूकंप के कारण बुलेट ट्रेन को स्टेशन पर रोका गया
टोक्यो:
भूकंप विज्ञानियों ने आगाह किया है कि 7.8 तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप के बाद जापान को 'एक और शक्तिशाली' भूकंप के लिए सतर्क रहना चाहिए। भूकंप संभावित देश के तटीय हिस्से में शनिवार को आए इस शक्तिशाली भूकंप में 12 लोग घायल हुए हैं।
जापान में बीती रात राजधानी से करीब 874 किलोमीटर दक्षिण में प्रशांत महासागर में एक सुदूर स्थान पर यह भूकंप आया। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने बताया कि टोक्यो में करीब एक मिनट तक इमारतें हिलती रहीं।
यूएसजीएस और प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा कि भूकंप का केंद्र धरातल से 676 किलोमीटर की गहराई पर था, बहरहाल इसके शक्तिशाली होने के बावजूद सुनामी की कोई आशंका नहीं थी।
टोक्यो दमकल विभाग के एक अधिकारी और स्थानीय मीडिया ने बताया कि भूकंप के कारण 56 साल के एक व्यक्ति की पसलियां टूट गईं। भूकंप में कुल 12 लोग घायल हुए, हालांकि भूकंप में किसी की मौत नहीं हुई। वहीं टोक्यो टावर के एलिवेटर के एक घंटा से भी अधिक समय तक रुके रहने के कारण करीब 400 लोग उसमें फंसे रहे।
टोक्यो में हनेदा हवाईअड्डे का रनवे करीब 30 मिनट तक बाधित रहा, ट्रेनों का परिचालन भी अस्थाई तौर पर रोक दिया गया, वहीं शहर में हो रहे एक फुटबॉल मैच भी कुछ देर के लिए रोकना पड़ा। क्षेत्र के किसी परमाणु ऊर्जा संयंत्र में किसी तरह की गड़बड़ी की खबर नहीं थी।
कुछ विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि हालिया ज्वालामुखी विस्फोट और इसके बाद शनिवार को आया शक्तिशाली भूकंप इस बात के संकेत हो सकते हैं कि यह देश 'भूपर्पटीय (क्रस्टल) बदलाव के एक सक्रिय चरण' में प्रवेश कर रहा है।
तोकाई विश्वविद्यालय के भूकंप पूर्वानुमान अनुसंधान केंद्र के प्रमुख तोशीयासू नागाऊ कहते हैं, 'मैं कह सकता हूं कि जापान एक सक्रिय चरण में है।'
उन्होंने कहा, 'जापान की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, हम हम यह कह सकते हैं कि मौजूदा गतिविधियों सामान्य नहीं हैं। हमें यह जानते हुए सर्तक रहना चाहिए कि भविष्य में किसी भी समय ऐसा बड़ा भूकंप आ सकता है, जो हमारे समाज को प्रभावित कर सकता है।'
वहीं टोक्यो यूनिवर्सिटी भूकंप अनुसंधान संस्थान के प्रोफेसर कज़ूकी कोकेत्सू कहते हैं कि हालिया झटके किसी बड़े भूकंप के संकेत जैसे नहीं लगते। वह कहते हैं, 'लेकिन इसे भविष्य में आने वालों भूकंप की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण तैयारी करने वाला अवसर माना जा सकता है।'
जापान में बीती रात राजधानी से करीब 874 किलोमीटर दक्षिण में प्रशांत महासागर में एक सुदूर स्थान पर यह भूकंप आया। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने बताया कि टोक्यो में करीब एक मिनट तक इमारतें हिलती रहीं।
यूएसजीएस और प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा कि भूकंप का केंद्र धरातल से 676 किलोमीटर की गहराई पर था, बहरहाल इसके शक्तिशाली होने के बावजूद सुनामी की कोई आशंका नहीं थी।
टोक्यो दमकल विभाग के एक अधिकारी और स्थानीय मीडिया ने बताया कि भूकंप के कारण 56 साल के एक व्यक्ति की पसलियां टूट गईं। भूकंप में कुल 12 लोग घायल हुए, हालांकि भूकंप में किसी की मौत नहीं हुई। वहीं टोक्यो टावर के एलिवेटर के एक घंटा से भी अधिक समय तक रुके रहने के कारण करीब 400 लोग उसमें फंसे रहे।
टोक्यो में हनेदा हवाईअड्डे का रनवे करीब 30 मिनट तक बाधित रहा, ट्रेनों का परिचालन भी अस्थाई तौर पर रोक दिया गया, वहीं शहर में हो रहे एक फुटबॉल मैच भी कुछ देर के लिए रोकना पड़ा। क्षेत्र के किसी परमाणु ऊर्जा संयंत्र में किसी तरह की गड़बड़ी की खबर नहीं थी।
कुछ विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि हालिया ज्वालामुखी विस्फोट और इसके बाद शनिवार को आया शक्तिशाली भूकंप इस बात के संकेत हो सकते हैं कि यह देश 'भूपर्पटीय (क्रस्टल) बदलाव के एक सक्रिय चरण' में प्रवेश कर रहा है।
तोकाई विश्वविद्यालय के भूकंप पूर्वानुमान अनुसंधान केंद्र के प्रमुख तोशीयासू नागाऊ कहते हैं, 'मैं कह सकता हूं कि जापान एक सक्रिय चरण में है।'
उन्होंने कहा, 'जापान की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, हम हम यह कह सकते हैं कि मौजूदा गतिविधियों सामान्य नहीं हैं। हमें यह जानते हुए सर्तक रहना चाहिए कि भविष्य में किसी भी समय ऐसा बड़ा भूकंप आ सकता है, जो हमारे समाज को प्रभावित कर सकता है।'
वहीं टोक्यो यूनिवर्सिटी भूकंप अनुसंधान संस्थान के प्रोफेसर कज़ूकी कोकेत्सू कहते हैं कि हालिया झटके किसी बड़े भूकंप के संकेत जैसे नहीं लगते। वह कहते हैं, 'लेकिन इसे भविष्य में आने वालों भूकंप की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण तैयारी करने वाला अवसर माना जा सकता है।'
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