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इजरायल अब हमास के खिलाफ युद्ध हार रहा है? सैनिकों को लेकर नई रिपोर्ट क्या कहती है

ऐसे बनते हालातों के चलते इजरायल में चिंता व्याप्त है. सैनिकों की स्थिति में सुधार और युद्ध को जारी रखने के लिए इजरायल अपनी सेना में भाड़े के सैनिकों की भर्ती के लिए भी तैयार है.

इजरायल अब हमास के खिलाफ युद्ध हार रहा है? सैनिकों को लेकर नई रिपोर्ट क्या कहती है
गाज़ा में तैनात इजरायली टैंक.
नई दिल्ली:

Israel-Hamas war: गाजा में इजरायल की आर्मी आईडीएफ और हमास के लड़ाकों  के बीच लड़ाई चल रही है.  ऐसे में मीडिया में एक ऐसी खबर आई है जो दुनियाभर में इज़राइल के समर्थकों को परेशान कर सकती है. इन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गाजा में पिछले एक साल से भी अधिक समय से लड़ते हुए कई इजरायली सैनिक मारे गए हैं . इन रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि अब इजरायल सैनिकों की भारी कमी से जूझ रहा है. इसके अतिरिक्त, यह भी कहा जा रहा है कि इज़राइल का अत्याधुनिक मर्कवा-4 बराक मुख्य युद्धक टैंक गाजा में धूल खा रहा है. इन घटनाक्रमों के सुर्खियां बनने के साथ ही एक अहम सवाल यह उभर रहा है कि क्या बेंजामिन नेतन्याहू की युद्ध नीति विफल हो गई है?

एक साल से ज्यादा समय से जारी युद्ध

7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद से इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की थी कि इजरायल गाजा से हमास को खत्म कर देगा. एक साल से अधिक समय से इजरायल का ऑपरेशन जारी है. यह ऑपरेशन इजरायली सेना के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है. इजरायल ने गाजा में बहुत ज्यादा बमबारी की है इसके बावजूद इजराइल हमास को हराने में असमर्थ रहा है. लेकिन अब यह भी कहा जा रहा है कि अब सैनिकों की कमी से इजरायल जूझ रहा है. मीडिया में छपी रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि इस कमी को दूर करने के लिए, इज़राइल अपने सशस्त्र बलों में भाड़े के सैनिकों की भर्ती करने की तैयारी कर रहा है. हाल के दिनों में यूक्रेन से ढाई सालों से युद्ध में लगे रूस ने भी कुछ ऐसा ही किया था. 

कितने इजरायली सैनिक मारे गए

रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि 7 अक्टूबर 2023 से अब तक लगभग 783 इजरायली सैनिकों की मौत हो चुकी है. साथ ही इस युद्ध की वजह से 12,000 के लगभग घायल हो चुके हैं.  कहा तो यह भी जा रहा है कि मरने वाले सैनिकों की संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है. इसके अलावा 140 के करीब सैनिक ऐसे घायल है कि उन्हें भविष्य में किसी न किसी के सहारे से जीवन गुजारना होगा. 

सैनिकों का सरकार को अल्टीमेटम

कुछ दिन पहले एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि हजारों सैनिकों को सरकार को युद्ध में न जाने का अल्टीमेटम तक दे दिया था. ये लोग सरकार से बंधकों की रिहाई के लिए समझौते का दवाब बना रहे थे. साथ ही जल्द से जल्द युद्ध को समाप्त करने की बात कह रहे थे. बताया तो यहां तक जा रहा है कि युद्ध की भयावहता को अपनी आंखों से देखने के बाद कई लोगों को मानसिक रोगों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही कुछ सैनिकों के आत्महत्या तक करने की बात सामने आई है. कई सैनिक युद्ध में वापस जाने को भी तैयार नहीं है. 

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इजरायल ने ढूंढ़ा रास्ता

ऐसे बनते हालातों के चलते इजरायल में चिंता व्याप्त है. सैनिकों की स्थिति में सुधार और युद्ध को जारी रखने के लिए इजरायल अपनी सेना में भाड़े के सैनिकों की भर्ती के लिए भी तैयार है. हम खबर की पुष्टि नहीं कर सकते हैं. लेकिन, रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इजरायली सेना ने विदेशी सैनिकों को भर्ती करने के लिए प्रोत्साहन के तौर पर नागरिकता की भी पेशकश की है.

कहा जा रहा है कि इजरायल सेना गाज़ा  और इजरायल के बीच अब एक बफर जोन बनाने पर काम कर रहे ही. लेकिन, इजरायली सेना ने स्थायी बफर जोन बनाने की बात से इनकार किया है और विदेश मंत्री गिदोन सार ने कहा है कि उत्तरी गाजा में अपने घरों से विस्थापित फिलिस्तीनियों को युद्ध के अंत में लौटने की अनुमति दी जाएगी.

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