नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी (National Foundation for American Policy) की एक स्टडी के मुताबिक यूएस सरकार भारतीय आईटी कंपनियों के लिए वीजा पॉलिसी को और भी कठिन बना रही है. इस स्टडी में बताया गया कि एच-वनबी वीजा (H-1B Visa) चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एच -1 बी वीजा की अस्वीकार दर 24 फीसदी को छू गई है. H-1B Visa की पेटिशन को अस्वीकार करने के अलावा, यूएस लेबर डिपार्टमेंट ने हाल ही में उन फर्म्स या कंपनियों के नाम बताए, जिन्हें एच-वनबी वीजा के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है.
इस लिस्ट में कोई छोटी-मोटी कंपनी ही नहीं बल्कि बड़ी कंपनियों के नाम भी शामिल हैं. जिनमें से कुछ के नाम हैं...
Azimetry, Inc.
Bulmen Consultant Group, Inc.
Business Reporting Management Services, Inc.
NETAGE, Inc.
Kevin Chambers
E-Aspire IT LLC
इन कंपनियों के नाम यूएस सीटिज़नशिप और इमिग्रेशन सर्विस (USCIS) के डेटा से मिले हैं, जो H-1B वीजा पेटिशन पर ट्रंप सरकार की स्ट्रिक्ट पॉलिसी को दर्शाती है.
स्टडी में बताया गया कि रिजेक्शन की इस लिस्ट में सबसे ज्यादा इंडियन आईटी कंपनियां हैं.
बता दें, H-1B वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता के आधार पर विदेशी कर्मचारियों को नौकरी पर रखने की अनुमति देता है.
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