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भारत और अमेरिका व्यापार समझौते के करीब पहुंचे, जानिए अब तक क्या-क्या तय हुआ

India America Trade Agreement: वाशिंगटन चाहता है कि नई दिल्ली कृषि वस्तुओं और मादक पेय पदार्थों से लेकर ऑटोमोबाइल तक के उत्पादों पर शुल्क कम करे. साथ ही वो अमेरिकी कंपनियों के लिए अधिक बाजार पहुंच चाहता है.

भारत और अमेरिका व्यापार समझौते के करीब पहुंचे, जानिए अब तक क्या-क्या तय हुआ

India US Trade Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बीच, भारत और अमेरिका के अधिकारियों ने इस सप्ताह नई दिल्ली में व्यापार मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें टैरिफ में कमी और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करना शामिल है. भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि दोनों पक्षों ने आने वाले हफ्तों में प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के तहत क्षेत्रीय वार्ता आयोजित करने का भी फैसला किया है.

वाशिंगटन और नई दिल्ली का लक्ष्य सितंबर-अक्टूबरतक द्विपक्षीय व्यापार समझौते की पहली किस्त पर हस्ताक्षर करना है. उन्होंने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 190 बिलियन डॉलर से दोगुने से भी अधिक करके 500 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य रखा है.

ट्रेड डिल पर किसने क्या कहा

26-29 मार्च तक आयोजित वार्ता का नेतृत्व भारत के वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों और दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच की अध्यक्षता में एक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल ने किया. भारत के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "चर्चा का सफल समापन भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को विस्तारित करने के प्रयासों में प्रगति को दर्शाता है, ताकि दोनों देशों में समृद्धि, सुरक्षा और नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके. बीटीए के तहत क्षेत्रीय विशेषज्ञ-स्तरीय सहभागिताएं आने वाले हफ्तों में वर्चुअल रूप से शुरू होंगी और व्यक्तिगत रूप से बातचीत के शुरुआती दौर का मार्ग प्रशस्त करेंगी." इसके अलावा, अमेरिकी उप विदेश मंत्री क्रिस्टोफर लैंडौ ने भी भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ व्यापार बाधाओं को कम करने और निष्पक्ष और संतुलित द्विपक्षीय व्यापार संबंध हासिल करने के प्रयासों के बारे में बात की, साथ ही क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए रक्षा और प्रौद्योगिकी सहयोग को मजबूत किया. अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि लैंडौ ने अमेरिका में अवैध अप्रवास को संबोधित करने के लिए भारत के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया और निरंतर सहयोग का आग्रह किया.

भारत-अमेरिका टैरिफ वार्ता

यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल से कई व्यापारिक साझेदारों पर पारस्परिक शुल्क लगाने की तैयारी कर रहे हैं, भारत द्विपक्षीय वार्ता के दौरान छूट की उम्मीद कर रहा है. टैरिफ का खतरा भारत पर मंडरा रहा है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने बार-बार नई दिल्ली को "टैरिफ किंग" और व्यापार संबंधों का "बड़ा दुरुपयोग करने वाला" करार दिया है.

समस्या यह है कि भारत के व्यापार-भारित आयात शुल्क-- दुनिया में सबसे अधिक हैं. अमेरिका का वर्तमान में भारत के साथ 45.6 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा है. विश्व व्यापार संगठन के आंकड़ों के अनुसार, जबकि अमेरिका का व्यापार-भारित औसत टैरिफ दर लगभग 2.2 प्रतिशत है, भारत का औसत टैरिफ 12 प्रतिशत पर काफी अधिक है. वाशिंगटन चाहता है कि नई दिल्ली कृषि वस्तुओं और मादक पेय पदार्थों से लेकर ऑटोमोबाइल तक के उत्पादों पर शुल्क कम करे. साथ ही वो अमेरिकी कंपनियों के लिए अधिक बाजार पहुंच चाहता है. इस दिशा में काम करते हुए, पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान, भारत ने अमेरिकी ऊर्जा उत्पादों और रक्षा उपकरणों की खरीद को बढ़ावा देने का संकल्प लिया, और दोनों पक्ष 2030 तक 500 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को लक्षित करने वाले सौदे के लिए सहमत हुए. भारत के व्यापार मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर और वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक के साथ वार्ता के लिए वाशिंगटन का दौरा किया. 

ट्रंप का नरम रुख? 

शुक्रवार को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को "बहुत चतुर व्यक्ति" और "मेरा बहुत अच्छा दोस्त" बताया, जबकि इस बात पर जोर दिया कि टैरिफ वार्ता "भारत और हमारे देश के बीच बहुत अच्छी तरह से काम करेगी."

यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ट्रंप ने अमेरिकी वस्तुओं पर भारत और अन्य देशों द्वारा लगाए गए कथित उच्च टैरिफ की बार-बार आलोचना की है. उन्होंने कहा, "भारत दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है. यह क्रूर है, यह क्रूर है. वे बहुत चतुर हैं. वह (मोदी) बहुत चतुर व्यक्ति हैं और मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं. हमारी बातचीत बहुत अच्छी रही. मुझे लगता है कि भारत और हमारे देश के बीच सब कुछ बहुत अच्छा चलेगा."

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