नई दिल्ली:
नासा की हबल अंतरिक्ष दूरबीन ने अभी तक का सबसे सुदूरवर्ती तारा खोजा है. ब्रह्मांड के बीच में स्थित नीले रंग के इस विशाल तारे का नाम इकारस है. यह तारा इतना दूर है कि इसकी रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने में नौ अरब साल लग गए. दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन से भी यह तारा बहुत धुंधला दिखाई देगा.
हालांकि ग्रेवीटेशनल लेनसिंग नाम की प्रक्रिया होती है जो तारों की धुंधली चमक को तेज कर देती है जिससे खगोलविज्ञानी दूर के तारे को भी देख सकते हैं. बर्केले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया मेंइस शोध का नेतृत्व करने वाले पैट्रिक केली ने कहा, ‘‘ यह पहली बार है कि जब हमने एक विशाल और अपनी तरह का अकेला तारा देखा है.’’
केली ने कहा, ‘‘आप वहां पर कई आकाशगंगाओं को देख सकते हैं लेकिन यह तारा उस तारे से कम से कम100 गुना दूर स्थित है जिसका हम अध्ययन कर सकते हैं.’’
(इनपुट-भाषा)
हालांकि ग्रेवीटेशनल लेनसिंग नाम की प्रक्रिया होती है जो तारों की धुंधली चमक को तेज कर देती है जिससे खगोलविज्ञानी दूर के तारे को भी देख सकते हैं. बर्केले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया मेंइस शोध का नेतृत्व करने वाले पैट्रिक केली ने कहा, ‘‘ यह पहली बार है कि जब हमने एक विशाल और अपनी तरह का अकेला तारा देखा है.’’
केली ने कहा, ‘‘आप वहां पर कई आकाशगंगाओं को देख सकते हैं लेकिन यह तारा उस तारे से कम से कम100 गुना दूर स्थित है जिसका हम अध्ययन कर सकते हैं.’’
(इनपुट-भाषा)
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