
इस्राइल ने हमास को निशाना बनाने का अपना रवैया आज और आक्रामक कर लिया। 12 दिनों से जारी बमबारी में मृतकों की संख्या 333 हो चुकी है, वहीं संयुक्त राष्ट्र प्रमुख अस्थिरता खत्म करने के लिए क्षेत्र में जाएंगे।
हमास के खिलाफ लड़ाई में इस्राइली टैंकों और सैनिकों के निशाने पर गाजा का भीतरी हिस्सा भी आ गया, जिससे हताहतों की संख्या बढ़ी है और विस्थापित फलस्तीनियों की संख्या दोगुना होकर 40,000 हो गई है। 2009 के बाद से इस भीषण खूनखराबे का कोई अंत होता हुआ नजर नहीं आ रहा।
इस्राइल और हमास के बीच सुलह के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून जल्द ही क्षेत्र में आ सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र राजनीतिक मामलों के प्रमुख जेफ्री फेल्टमन ने कहा, 'बान के दौरे से इस्राइली और फलस्तीनियों को हिंसा खत्म करने और आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।'
फेल्टमन ने कहा, 'इस्राइल की सुरक्षा संबंधी चिंता वैधानिक है और हम गाजा से इस्राइल की ओर अंधाधुंध रॉकेट छोड़े जाने की निंदा करते हैं। लेकिन, हम इस्राइल की जबरदस्त जवाबी कार्रवाई को लेकर चौकस हैं।'
वहीं नेतन्याहू ने अभियान के विस्तार को लेकर आगाह किया है, लेकिन गाजा पर नियंत्रण करने वाले फलस्तीनी समूह हमास ने कहा है कि इस्राइल को घुसपैठ की 'भारी कीमत चुकानी' पड़ेगी।
इस्राइल का गाजा पर हवाई हमले के 10 दिनों के बाद जमीनी अभियान शुरू हुआ है। इसके बावजूद हमास पर सीमा पार से रॉकेट छोडने को लेकर अब तक रोक नहीं लगाया जा सका है।
इससे पहले दिन में हमास आतंकियों ने गाजा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर इस्राइली बस्ती में नागरिकों की हत्या करने के लिए एक सुरंग के जरिए इस्राइल में घुसने की कोशिश की। सेना के एक बयान में बताया गया कि सैनिकों ने दक्षिणी इस्राइल में सुरंग में एक फलस्तीनी आतंकी को मार डाला लेकिन अन्य भाग निकलने में कामयाब रहे।