
दक्षिण कोरिया की पूर्व राष्ट्रपति पार्क ग्युन-हे की फाइल तस्वीर
सोल:
दक्षिण कोरिया की पूर्व राष्ट्रपति पार्क ग्युन-हे से अभियोजकों ने मंगलवार को भ्रष्टाचार एवं सत्ता के दुरुपयोग के मामले में 14 घंटे तक पूछताछ की. भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण ही उन्हें सत्ता से बेदखल किया गया था. समाचार एजेंसी योनहैप के अनुसार पूछताछ के दौरान पार्क ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया. अभियोजकों ने इसकी पुष्टि से इनकार किया.
इससे पहले दिन में सोल स्थित अभियोजक कार्यालय में पहुंचते ही पार्क ने जनता से माफी मांगी और कहा, मैं पूरी ईमानदारी से जांच में सहयोग करूंगी. दक्षिण कोरिया की पहली महिला राष्ट्रपति पार्क पर दिसंबर में संसद ने अभियोग चलाया था. उनके विरोध में और उन्हें पद से हटाने की मांग को लेकर लाखों लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया था. देश की शीर्ष अदालत ने इस महीने की शुरुआत में पार्क को हटाए जाने की पुष्टि की थी और इसी के साथ उनका राजनीतिक करियर लगभग समाप्त हो गया. एक आम नागरिक के तौर पर अभियोजन पक्ष के समक्ष पहुंची तो बाहर उनके समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद थे. उनसे पूछताछ से जुड़े हर घटनाक्रम का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया गया.
पार्क से दो अभियोजकों और एक जांच अधिकारी ने सवाल किए. पूर्व राष्ट्रपति के साथ उनके वकील थे, लेकिन वकीलों को सवाल-जवाब के दौरान मौजूद रहने से रोक दिया गया। वह विराम के दौरान अपने वकीलों से सिर्फ सलाह-मशविरा कर सकती थीं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इससे पहले दिन में सोल स्थित अभियोजक कार्यालय में पहुंचते ही पार्क ने जनता से माफी मांगी और कहा, मैं पूरी ईमानदारी से जांच में सहयोग करूंगी. दक्षिण कोरिया की पहली महिला राष्ट्रपति पार्क पर दिसंबर में संसद ने अभियोग चलाया था. उनके विरोध में और उन्हें पद से हटाने की मांग को लेकर लाखों लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया था. देश की शीर्ष अदालत ने इस महीने की शुरुआत में पार्क को हटाए जाने की पुष्टि की थी और इसी के साथ उनका राजनीतिक करियर लगभग समाप्त हो गया. एक आम नागरिक के तौर पर अभियोजन पक्ष के समक्ष पहुंची तो बाहर उनके समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद थे. उनसे पूछताछ से जुड़े हर घटनाक्रम का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण किया गया.
पार्क से दो अभियोजकों और एक जांच अधिकारी ने सवाल किए. पूर्व राष्ट्रपति के साथ उनके वकील थे, लेकिन वकीलों को सवाल-जवाब के दौरान मौजूद रहने से रोक दिया गया। वह विराम के दौरान अपने वकीलों से सिर्फ सलाह-मशविरा कर सकती थीं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं