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पाकिस्तान ने फिर उठाया कश्मीर मु्ददा
'भारत के कारण कश्मीर पर बात नहीं करना चाहते अन्य देश'
पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक मसूद खान ने कही यह बात
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खान का कहना है कि भारत के बढ़ते प्रभाव के कारण यहां वाशिंगटन डीसी, ब्रसेल्स, लंदन और अन्य देशों की राजधानियों में लोग कश्मीर की बात नहीं करते हैं, क्योंकि इसका उन देशों पर प्रतिकूल प्रभाव होगा.जैसे आर्थिक लेनदेन खराब होगा और रणनीतिक मूल्य भी चुकाना पड़ सकता है. बेहद कम लोगों की उपस्थिति वाले इस कार्यक्रम में खान ने आरोप लगाया कि भारत के कारण संयुक्त राष्ट्र अपने स्वयं के प्रस्ताव पर आगे नहीं बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र राजनीति के कारण आगे नहीं बढ़ रहा है.’’ खान ने कहा, ‘‘सुरक्षा परिषद् ने पहले शीत युद्ध और अब अन्य कई कारणों से जम्मू-कश्मीर विवाद पर संज्ञान नहीं ले रहा है, जो अफसोसजनक है, क्योंकि सुरक्षा परिषद् को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के चैप्टर छह और चैप्टर सात के तहत उसे जनादेश दिया गया है.’’
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खान ने दलील दिया कि संयुक्त राष्ट्र को कदम उठाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘उसे अग्रसक्रिय होना चाहिए. यह वास्तवित राजनीति के कारण है. यह दो अन्य कारकों की वजह से भी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक कारक यह है कि पिछले 30-40 वर्षों में भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय वार्ता में बहुत सारी ऊर्जा और समय निवेश किया है. लेकिन यह द्विपक्षीय वार्ता कश्मीरियों के लिए मृग मरीचिका ही साबित हो रहे हैं, क्योंकि इसका कोई परिणाम नहीं निकलता.’’ खान ने कहा कि दूसरी वजह यह है कि बातचीत के ‘टाइमटेबल’ पर भारत का वीटो है. उन्होंने कहा, ‘‘वह अपनी मर्जी से बातचीत शुरू करते हैं और जब उन्हें रास नहीं आता वह पाकिस्तान पर आतंकवाद का आरोप लगा देते हैं.’’
VIDEO: चीन केचलते जटिल होती कश्मीर की समस्या? खान ने दावा किया कि पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में कोई आतंकवादी नहीं है.
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