टेक उद्योगपति एलन मस्क कुछ दिन पहले ही एच-1बी वीजा का बचाव कर रहे थे और अब रविवार को उन्होंने कहा कि जो सिस्टम, विदेशी युवाओं को यूएस में काम करने का मौका देता था, वो अब टूट गया है और इसे वापस सही करने की दिशा में काम करने की जरूरत है. एलन मस्क और भारतीय-अमेरिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी हाल ही इमिग्रेशन के मुद्दे पर अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों से भिड़ गए.
मस्क और रामास्वामी, आने वाले वक्त में ट्रंप की टीम का हिस्सा होंगे और दोनों ही एच-1बी वीजा प्रोग्राम का समर्थन कर रहे थे. एलन मस्क खुद भी एच-1बी वीजा की मदद से ही साउथ अफ्रीका से माइग्रेट हो कर अमेरिका आए थे. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "यह बहुत स्पष्ट है कि प्रोग्राम 'टूट' चुका है और इसमें बड़े सुधार करने की जरूरत है".
वह एक यूजर को जवाब दे रहे थे जिसने कहा था कि अमेरिका को "दुनिया के सबसे इलाइट टैलेंट" के लिए डेस्टिनेशन बनना चाहिए, लेकिन एच-1बी प्रोग्राम "ऐसा करने का तरीका नहीं है". इस पर मस्क ने कहा न्यूनतम सैलरी को बढ़ा कर और एच-1बी वीजा को बनाए रखने के लिए वार्षिक लागत जोड़कर इसे आसानी से "ठीक किया जा सकता है", जिससे "विदेशियों को हायर कर पाना महंगा हो जाएगा".
Easily fixed by raising the minimum salary significantly and adding a yearly cost for maintaining the H1B, making it materially more expensive to hire from overseas than domestically.
— Elon Musk (@elonmusk) December 29, 2024
I've been very clear that the program is broken and needs major reform.
पिछले हफ्ते एलन मस्क ने कहा था कि इलाइट इंजीनियरिंग टैलेंट को विदेशों से लाना जरूरी है ताकि अमेरिका आगे भी जीतता रहे.
एच-1बी वीजा पर क्यों छिड़ी है बहस
एच-1बी वीजा और उच्च योग्यता वाले व्यक्तियों के आव्रजन पर मतभेद तब उभरा जब उन्होंने एक भारतीय अप्रवासी श्रीराम कृष्णन को अपना एआई सलाहकार नियुक्त किया. सबसे पहले हमला लॉरा लूमर ने किया, जिन्हें ट्रंप के वफादारों में से एक माना जाता है. उन्होंने मस्क के एक्स पर पोस्ट किया, "श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति को देखकर बहुत परेशान हूं." लॉरा ने दावा किया कि कृष्णन ग्रीन कार्ड की संख्या पर सभी पाबंदी हटाने की ख्वाहिश रखते हैं.
बता दें कि लॉरा और राइट विंग के अन्य लोगों ने एलन मस्क और रामास्वामी पर आरोप लगाया था कि वो अमेरिकियों को कमजोर दर्शा रहे हैं. एक्स पर एक वायरल पोस्ट में कृष्णन पर आरोप लगाया गया था कि वह "पहले भारतीय" ऑपरेटिव हैं जिनका उद्देश्य अमेरिकी वर्कर्स को रिप्लेस करना है. लूमर ने कहा था, "राष्ट्रपति ट्रंप और बड़े टेक के बीच होने वाले तलाक का इंतजार है." इस पर मस्क ने जवाब देते हुए कहा था कि "इस विवाद के लिए वह युद्ध पर जाने के लिए तैयार हैं".
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