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This Article is From Jun 21, 2016

भारत की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में सदस्यता पर चर्चा के लिए रास्ते खुले हुए हैं : चीन

भारत की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में सदस्यता पर चर्चा के लिए रास्ते खुले हुए हैं : चीन
कुडनकुलम न्‍यूक्लियर प्‍लांट का फाइल फोटो
बीजिंग: एनएसजी में भारत की सदस्यता के प्रयास का विरोध कर रहे चीन ने मंगलवार को पहली बार कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 'दरवाजे खुले हैं।' लेकिन साथ ही भारत का समर्थन करने के लिए अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा कि वह उन देशों में शामिल था जिसने एनएसजी में गैर एनपीटी देशों के प्रवेश के खिलाफ नियम बनाए।

चीन के विदेश मंत्रालय ने 48 सदस्यों वाले एनएसजी से कहा कि क्या इस समूह में गैर एनपीटी देशों को शामिल करने के लिए नियमों में बदलाव होने चाहिए, कृपया इस पर 'ध्यान केंद्रित करें।' चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैंने भारत का समर्थन करने वाले अमेरिकी बयान को नहीं देखा है। लेकिन अमेरिका उन देशों में शामिल है जिसने नियम बनाए कि गैर एनपीटी देशों को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'संबंधित नियम इस सिद्धांत पर बना कि एनएसजी के केंद्र में एनपीटी था।' हुआ ने इस सवाल पर यह टिप्पणी की कि क्या अमेरिका परमाणु व्यवसाय क्लब के सदस्यों से कह रहा है कि भारत के आवेदन का समर्थन करें?

बाद में भारतीय मीडिया से बात करते हुए हुआ ने कहा कि एनएसजी सदस्यों के बीच इस बात को लेकर जहां चर्चा चल रही है वहीं सियोल की वर्तमान बैठक में नये सदस्यों को शामिल करना सूचीबद्ध नहीं हुआ है।

हुआ ने कहा, 'दरवाजे खुले हुए हैं। इसमें पूरी संभावना है। हमने कभी नहीं कहा कि हम किसी के खिलाफ हैं। हमने किसी देश को लक्षित नहीं किया चाहे भारत हो या पाकिस्तान।'

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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