संयुक्त राष्ट्र:
रूस और चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अरब लीग समर्थित उस प्रस्ताव को वीटो कर दिया, जिसमें सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद से इस्तीफा देने का आह्वान किया गया है। भारत ने अमेरिका और अन्य 12 सदस्य देशों के साथ इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। फ्रांस, ब्रिटेन और पाकिस्तान ने भी इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। इस प्रस्ताव का लक्ष्य सीरिया पर उसके यहां चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन पर 11 महीने से जारी दमनात्मक कार्रवाई रोकने के लिए दबाव डालना है।
असद के खिलाफ चल रहे इस प्रदर्शन पर कार्रवाई में दो सौ अधिक लोगों की जान चली गई है। इस मुद्दे पर रूस और चीन ने दूसरी बार वीटो का इस्तेमाल किया है। इससे पहले दोनों ने पहली बार 5 अक्टूबर को वीटो का प्रयोग किया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने के बाद भारत ने कहा कि उसने 11 महीने से जारी सीरियाई संकट के शांतिपूर्ण हल के लिए अरब लीग के इस प्रयास का समर्थन किया।
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘‘इस प्रस्ताव के पक्ष में हमारा समर्थन सीरियाईयों की अगुवाई में ही समग्र राजनीतिक प्रक्रिया के माध्यम से वहां के संकट के शांतिपूर्ण हल के लिए अरब लीग की ओर से हो रहे प्रयास के प्रति हमारे समर्थन के अनुरूप ही है।’’
असद के खिलाफ चल रहे इस प्रदर्शन पर कार्रवाई में दो सौ अधिक लोगों की जान चली गई है। इस मुद्दे पर रूस और चीन ने दूसरी बार वीटो का इस्तेमाल किया है। इससे पहले दोनों ने पहली बार 5 अक्टूबर को वीटो का प्रयोग किया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने के बाद भारत ने कहा कि उसने 11 महीने से जारी सीरियाई संकट के शांतिपूर्ण हल के लिए अरब लीग के इस प्रयास का समर्थन किया।
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘‘इस प्रस्ताव के पक्ष में हमारा समर्थन सीरियाईयों की अगुवाई में ही समग्र राजनीतिक प्रक्रिया के माध्यम से वहां के संकट के शांतिपूर्ण हल के लिए अरब लीग की ओर से हो रहे प्रयास के प्रति हमारे समर्थन के अनुरूप ही है।’’
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