चीन (China) के सबसे बड़े शहर और करीब करीब 2 करोड़ की आबादी वाले शंघाई (Shanghai) में कोरोना वायरस (Coronavirus) के ओमीक्रोन (Omicron) स्वरूप के कारण संक्रमितों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है. यहां (Covid19) की मौजूदा लहर के दौरान संक्रमण के कारण तीन और मरीजों की मौत दर्ज की गयी. चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने सोमवार को बताया कि शंघाई में रविवार को कोविड-19 से तीन मरीजों की मौत हुई. मृतकों में सभी की उम्र 89 से 91 वर्ष बताई जा रही है तथा तीनों ने ही टीके (Corona Vaccine) की एक भी खुराक नहीं ली थी.
हांगकांग से प्रकाशित होने वाले साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में एक मार्च से अब तक कोविड-19 के 3,72,000 मामलों की पुष्टि हो चुकी है.
चीन में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,723 नये मामले दर्ज किए गए, जिसमें से केवल शंघाई में ही 2,417 नये मामले सामने आए.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक चीन में रविवार को स्थानीय स्तर पर कोरोना वायरस संक्रमण के 20,639 मामलों की पुष्टि हुई, जिनमें बीमारी का कोई लक्षण मौजूद नहीं था.
शंघाई की स्थानीय सरकार ने शहर में उत्पादन इकाईयां फिर से शुरू करने के लिए रविवार को औद्योगिक उद्यमों के लिए कोविड-19 संबंधी नये दिशा-निर्देश जारी किए.
इस बीच, शंघाई में कई दिनों से लोगों को लॉकडाउन समेत अन्य कोविड-19 संबंधी पाबंदियों का कड़ाई से पालन करना पड़ रहा है. शंघाई में तीन बार व्यापक स्तर पर लोगों की जांच की जा चुकी है.
सामुदायिक स्तर पर बनाए गए पृथकवास केंद्रों में रह रहे लोगों को भयावह परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है. बेबेई (30) नामक एक महिला ने अपने अनुभवों के बारे में बताया कि उन्हें एक ऊंची छत वाले केंद्र में रखा गया है जहां चारपाइयों की कतारें हैं और हज़ारों अजनबियों की मौजूदगी में उन्हें एक ही छत के नीचे सोना पड़ता है। बेबेई का कहना है कि लाइटें 24 घंटे जली रहती हैं और नहाने के लिए गर्म पानी भी बड़ी मुश्किल से उपलब्ध हो पाता है.
बेबेई का कहना है कि पृथकवास केंद्र में साफ-सफाई का स्तर भी बहुत खराब है और अन्य मूलभूत सुविधाओं की भी कमी है.
कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद घर में 10 दिन पृथकवास में बिताने के बाद पिछले मंगलवार को बेबेई और उनके पति को शंघाई में राष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन केंद्र में बने पृथकवास केंद्र में जाने का आदेश दिया गया था.
चीन के सरकारी पृथकवास केंद्रों में रह रहे कई अन्य लोगों ने भी इसी तरह के अनुभव साझा किए हैं.
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