प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
ब्रिटेन की एक अदालत ने भारतीय मूल के एक परिवार को अपनी बच्ची को भारत लेकर जाने से रोक दिया है. अदालत के अनुसार बच्ची को भारत लेकर जाने पर उसके साथ खतना होने का खतरा बना हुआ है. लिहाजा उसे भारत लेकर जाने का आदेश जारी नहीं किया जा सकता. गौरतलब है कि मैनचेस्टर की एक फैमिली कोर्ट ने इस मामले में की सुनवाई करते हुए कहा कि भारत में जैसे धार्मिक हालात हैं उसमें दो साल की बच्ची के साथ ऐसा होने का खतरा बना हुआ है.
यह भी पढ़ें: 1981 में हुई थी ब्रिटेन की महारानी की हत्या की कोशिश
कोर्ट ने कहा कि इन दिनों भारत में ऐसी चीजों को लेकर धार्मिक और सांस्कृतिक दवाब काफी ज्यादा है. वहीं ब्रिटेन में काम करने वाले समाज सेवकों के अनुसार इस परिवार के तीन बच्चियों के साथ पहले भी ऐसा किया जा चुका है. गौरतलब है कि ब्रिटेन में फिमेल जेनटल मुटिलेशन जिसे आम बोल-चाल की भाषा में खतना कहा जाता है पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इस मामले में जज रॉबर्ट जॉर्डन ने एक एफजीएम प्रोटेक्शन ऑर्डर जारी किया है.
यह भी पढ़ें: भगोड़े विजय माल्या को सामान्य खर्च के लिए मिलेगा 16.5 लाख रुपये का साप्ताहिक भत्ता
इस मामले में की सुनवाई के दौरान जज को बताया गया कि इससे पहले बच्ची की तीन साल की बहन को भी भारत ले जाकर उसके साथ ऐसा किया जा चुका है. इसके बाद ही जज ने आदेश जारी कर कहा कि बच्ची के साथ भी ऐसा कुछ किया जा सकता है. लिहाजा हम बच्ची को किसी भी हालत में भारत ले जाने की अनुमति नहीं दे सकते. ध्यान हो कि ब्रिटेन में एफजीएम प्रोटेक्शन ऑर्डर को तीन साल पहले ही लागू किया गया है.
VIDEO: आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है.
इस ऑर्डर के लागू होने के बाद पुलिस और स्थानीय इकाइयों को यह अधिकार दिया गया है कि वह ऐसे किसी मामले में हस्तक्षेप कर सकते हैं. इस ऑर्डर के तहत संबंधित बच्चों के अभिभावकों को अपने बच्चों को देश से बाहर ले जाने से रोका जा सकता है. साथ ही उनके पासपोर्ट भी कब्जे में लिए जा सकते हैं.
यह भी पढ़ें: 1981 में हुई थी ब्रिटेन की महारानी की हत्या की कोशिश
कोर्ट ने कहा कि इन दिनों भारत में ऐसी चीजों को लेकर धार्मिक और सांस्कृतिक दवाब काफी ज्यादा है. वहीं ब्रिटेन में काम करने वाले समाज सेवकों के अनुसार इस परिवार के तीन बच्चियों के साथ पहले भी ऐसा किया जा चुका है. गौरतलब है कि ब्रिटेन में फिमेल जेनटल मुटिलेशन जिसे आम बोल-चाल की भाषा में खतना कहा जाता है पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इस मामले में जज रॉबर्ट जॉर्डन ने एक एफजीएम प्रोटेक्शन ऑर्डर जारी किया है.
यह भी पढ़ें: भगोड़े विजय माल्या को सामान्य खर्च के लिए मिलेगा 16.5 लाख रुपये का साप्ताहिक भत्ता
इस मामले में की सुनवाई के दौरान जज को बताया गया कि इससे पहले बच्ची की तीन साल की बहन को भी भारत ले जाकर उसके साथ ऐसा किया जा चुका है. इसके बाद ही जज ने आदेश जारी कर कहा कि बच्ची के साथ भी ऐसा कुछ किया जा सकता है. लिहाजा हम बच्ची को किसी भी हालत में भारत ले जाने की अनुमति नहीं दे सकते. ध्यान हो कि ब्रिटेन में एफजीएम प्रोटेक्शन ऑर्डर को तीन साल पहले ही लागू किया गया है.
VIDEO: आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है.
इस ऑर्डर के लागू होने के बाद पुलिस और स्थानीय इकाइयों को यह अधिकार दिया गया है कि वह ऐसे किसी मामले में हस्तक्षेप कर सकते हैं. इस ऑर्डर के तहत संबंधित बच्चों के अभिभावकों को अपने बच्चों को देश से बाहर ले जाने से रोका जा सकता है. साथ ही उनके पासपोर्ट भी कब्जे में लिए जा सकते हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं