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This Article is From Mar 07, 2018

'खतने' के डर से ब्रिटेन की अदालत ने दो साल की बच्ची को भारत आने से रोका

कोर्ट ने कहा कि इन दिनों भारत में ऐसी चीजों को लेकर धार्मिक और सांस्कृतिक दवाब काफी ज्यादा है. वहीं ब्रिटेन में काम करने वाले समाज सेवकों का मानना है कि इस परिवार के तीन बच्चियों के साथ पहले ऐसा किया जा चुका है.

'खतने' के डर से ब्रिटेन की अदालत ने दो साल की बच्ची को भारत आने से रोका
प्रतीकात्मक चित्र
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
ब्रिटेन की अदालत ने लगाई रोक
अदालत के अनुसार पहले भी इस परिवार के बच्चियों के साथ हो चुकी है ऐसी घटना
ब्रिटेन में खतने को लेकर है सख्त कानून, ऐसा करना प्रतिबंधित
नई दिल्ली: ब्रिटेन की एक अदालत ने भारतीय मूल के एक परिवार को अपनी बच्ची को भारत लेकर जाने से रोक दिया है. अदालत  के अनुसार बच्ची को भारत लेकर जाने पर उसके साथ खतना होने का खतरा बना हुआ है. लिहाजा उसे भारत लेकर जाने का आदेश जारी नहीं किया जा सकता. गौरतलब है कि मैनचेस्टर की एक फैमिली कोर्ट ने इस मामले में की सुनवाई करते हुए कहा कि भारत में जैसे धार्मिक हालात हैं उसमें दो साल की बच्ची के साथ ऐसा होने का खतरा बना हुआ है.

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कोर्ट ने कहा कि इन दिनों भारत में ऐसी चीजों को लेकर धार्मिक और सांस्कृतिक दवाब काफी ज्यादा है. वहीं ब्रिटेन में काम करने वाले समाज सेवकों के अनुसार इस परिवार के तीन बच्चियों के साथ पहले भी ऐसा किया जा चुका है. गौरतलब है कि ब्रिटेन में फिमेल जेनटल मुटिलेशन जिसे आम बोल-चाल की भाषा में खतना कहा जाता है पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इस मामले में जज रॉबर्ट जॉर्डन ने एक एफजीएम प्रोटेक्शन ऑर्डर जारी किया है.

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इस मामले में की सुनवाई के दौरान जज को बताया गया कि इससे पहले बच्ची की तीन साल की बहन को भी भारत ले जाकर उसके साथ ऐसा किया जा चुका है. इसके बाद ही जज ने आदेश जारी कर कहा कि बच्ची के साथ भी ऐसा कुछ किया जा सकता है. लिहाजा हम बच्ची को किसी भी हालत में भारत ले जाने की अनुमति नहीं दे सकते. ध्यान हो कि ब्रिटेन में एफजीएम प्रोटेक्शन ऑर्डर को तीन साल पहले ही लागू किया गया है.

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इस ऑर्डर के लागू होने के बाद पुलिस और स्थानीय इकाइयों को यह अधिकार दिया गया है कि वह ऐसे किसी मामले में हस्तक्षेप कर सकते हैं. इस ऑर्डर के तहत संबंधित बच्चों के अभिभावकों को अपने बच्चों को देश से बाहर ले जाने से रोका जा सकता है. साथ ही उनके पासपोर्ट भी कब्जे में लिए जा सकते हैं. 
 

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