ब्रिटेन ने अमेरिकी दबाव के आगे झुकते हुए और चीन की चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए अपने 5जी नेटवर्क से चीन की दिग्गज कंपनी हुआवेई को चरणबद्ध तरीके से हटाने का आदेश दिया है. बता दें कि हुआवेई (Huawei) दुनिया की जानी-मानी दूरसंचार उपकरण विनिर्माता कंपनी है. हुआवेई को इस तरह ब्रिटेन में 5जी नेटवर्क से बाहर करना चीन के लिए बड़ा झटका हो सकता है. इसे भूराजनीतिक मोर्चे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की चीन के साथ चल जंग में जीत माना जा रहा है.
इस फैसले पर व्हाइट हाउस ने कहा कि यह निर्णय "इस बात का संकेत है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह माना जा रहा है कि हुआवेई और इस तरह के गैर-भरोसेमंद विक्रेता राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं, क्योंकि वे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति निष्ठा रखते हैं. इससे पहले, अमेरिका ने चीन की कंपनी हुआवेई को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए उस पर प्रतिबंध लगाया था.
ब्रिटेन के इस कदम से चीन के साथ उसके संबंधों पर असर पड़ सकता है. इसके अलावा, ब्रिटेन के मोबाइल सेवा प्रदाताओं को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, जो कि करीब 20 साल से हुआवेई के उपकरणों पर निर्भर हैं.
ब्रिटेन के इस कदम को चीनी कंपनी Huawei ने "राजनीति" से प्रेरित बताया है और कहा कि इससे ब्रिटेन में डिजिटल सेवाओं की रफ्तार धीमी पड़ सकती है.
लंदन में चीन के राजदूत लियू शियोमिंग ने इसे "गलत और निराशाजनक" फैसला बताया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- "यह फैसला इस बात संदेह पैदा करता है कि क्या ब्रिटेन दूसरे देशों की कंपनियों के को गैर-भेदभावपूर्ण, मुक्त एवं उचित कारोबारी माहौल दे सकता है."