
वाशिंगटन:
खगोलविदों ने ब्रम्हांड की सबसे बड़ी संरचना की खोज की है। यह नौ गामा रे के चक्रों में विस्फोट से निर्मित आकाशगंगा है जो कि पृथ्वी से पांच अरब प्रकाश वर्ष दूर है।
गामा किरणों का विस्फोट ब्रम्हांड में होने वाली हलचलों में सबसे चमकीला होता है। सूर्य अपने 10 अरब वर्ष के जीवनकाल में जितनी ऊर्जा पैदा करता है, इसमें उससे भी ज्यादा ऊर्जा कुछ ही सेकंड में पैदा होती है। इसके परिणाम स्वरूप तारे बड़ी संख्या में ब्लैक होल में समाहित हो जाते हैं। इस घटना से होने वाली चमक खगोलविदों को दूरस्थ आकाशगंगाओं के स्थान और उनकी दूरी मापने में मदद करती है। ब्रम्हांड में मिले किरणों के नए रिंग से अंतरिक्ष और पृथ्वी पर स्थित वेधशालाओं में ब्रम्हांड के नए अध्ययन में मदद मिली है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि गामा किरणों से बना रिंग पृथ्वी से सात बिलियन प्रकाश वर्ष दूर होना चाहिए। उसका व्यास चंद्रमा से 70 गुना अधिक है। इसकी खोज बुडापेस्ट की कोनकोली वेधशाला में प्रोफेसर लाजोस बेलेज्स के नेतृत्व में काम कर रही खगोल विज्ञानियों की हंगेरियन-यूएस टीम ने की है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि नई खोज से संकेत मिला है कि ब्रह्मांड की संरचना में शामिल अधिकांश मौजूदा मॉडल बड़े पैमाने पर एक समान हैं। नई खोज सबसे बड़ी संरचनाओं की 1.2 अरब प्रकाश वर्ष की सीमा तय करने वाले सिद्धांत को चुनौती देने वाली है। खोजी गई नई गोलाकार संरचना लगभग पांच गुना बड़ी है।
खगोलविदों का दल अब अंगूठी के आकार की विशाल आकाशीय संरचना के अध्ययन से और अधिक जानकारी प्राप्त करने में जुटा है। इन अध्ययनों से आकाशगंगा के गठन और बड़े पैमाने पर संरचनाओं के निर्माण की प्रक्रियाओं के बारे में ज्ञानार्जन का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। इससे खगोलविद ब्रह्मांड के विकास के मौलिक सिद्धांतों को संशोधित कर सकेंगे।
गामा किरणों का विस्फोट ब्रम्हांड में होने वाली हलचलों में सबसे चमकीला होता है। सूर्य अपने 10 अरब वर्ष के जीवनकाल में जितनी ऊर्जा पैदा करता है, इसमें उससे भी ज्यादा ऊर्जा कुछ ही सेकंड में पैदा होती है। इसके परिणाम स्वरूप तारे बड़ी संख्या में ब्लैक होल में समाहित हो जाते हैं। इस घटना से होने वाली चमक खगोलविदों को दूरस्थ आकाशगंगाओं के स्थान और उनकी दूरी मापने में मदद करती है। ब्रम्हांड में मिले किरणों के नए रिंग से अंतरिक्ष और पृथ्वी पर स्थित वेधशालाओं में ब्रम्हांड के नए अध्ययन में मदद मिली है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि गामा किरणों से बना रिंग पृथ्वी से सात बिलियन प्रकाश वर्ष दूर होना चाहिए। उसका व्यास चंद्रमा से 70 गुना अधिक है। इसकी खोज बुडापेस्ट की कोनकोली वेधशाला में प्रोफेसर लाजोस बेलेज्स के नेतृत्व में काम कर रही खगोल विज्ञानियों की हंगेरियन-यूएस टीम ने की है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि नई खोज से संकेत मिला है कि ब्रह्मांड की संरचना में शामिल अधिकांश मौजूदा मॉडल बड़े पैमाने पर एक समान हैं। नई खोज सबसे बड़ी संरचनाओं की 1.2 अरब प्रकाश वर्ष की सीमा तय करने वाले सिद्धांत को चुनौती देने वाली है। खोजी गई नई गोलाकार संरचना लगभग पांच गुना बड़ी है।
खगोलविदों का दल अब अंगूठी के आकार की विशाल आकाशीय संरचना के अध्ययन से और अधिक जानकारी प्राप्त करने में जुटा है। इन अध्ययनों से आकाशगंगा के गठन और बड़े पैमाने पर संरचनाओं के निर्माण की प्रक्रियाओं के बारे में ज्ञानार्जन का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। इससे खगोलविद ब्रह्मांड के विकास के मौलिक सिद्धांतों को संशोधित कर सकेंगे।
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