
प्रतीकात्मक फोटो
वाशिंगटन:
ताइवान के पास से चीन के एक विमानवाहक पोत के गुजरने और विवादित दक्षिण चीन सागर में प्रवेश करने पर अमेरिका ने कहा है कि चीन को अंतरराष्ट्रीय जल में नौवहन करने का अधिकार है.
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि विमानवाहक पोत और पांच युद्धपोत ताइवान के दक्षिण में 90 समुद्री मील दूर नजर आए. चीन इस स्वशासी द्वीप पर अपना दावा पेश करता रहा है. बीजिंग का कहना है कि यह उसके नियमित अभ्यास का हिस्सा है.
इससे पहले चीन अमेरिकी युद्धपोतों पर दक्षिण चीन सागर में उकसावापूर्ण तरीके से गुजरने का आरोप लगा चुका है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मार्क टोनर ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका समुद्र के कानून सम्मत इस्मेमाल को मान्यता देता है और अमेरिका, चीन एवं अन्य देशों पर भी यही नियम लागू होते हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम अक्सर इसी समुद्री जल में अपनी नौसेना के जहाजों को रवाना करते हैं. यह समुद्री नौपरिवहन की स्वतंत्रता है.’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि विमानवाहक पोत और पांच युद्धपोत ताइवान के दक्षिण में 90 समुद्री मील दूर नजर आए. चीन इस स्वशासी द्वीप पर अपना दावा पेश करता रहा है. बीजिंग का कहना है कि यह उसके नियमित अभ्यास का हिस्सा है.
इससे पहले चीन अमेरिकी युद्धपोतों पर दक्षिण चीन सागर में उकसावापूर्ण तरीके से गुजरने का आरोप लगा चुका है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मार्क टोनर ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका समुद्र के कानून सम्मत इस्मेमाल को मान्यता देता है और अमेरिका, चीन एवं अन्य देशों पर भी यही नियम लागू होते हैं.
उन्होंने कहा, ‘हम अक्सर इसी समुद्री जल में अपनी नौसेना के जहाजों को रवाना करते हैं. यह समुद्री नौपरिवहन की स्वतंत्रता है.’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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