नई दिल्ली:
मॉनसून की बारिश में एक प्रेमीजोड़ा के रोमांस की फोटो बांग्लादेश में इस समय बहस का मुद्दा बन गई है. फोटो जर्नलिस्ट जिबॉन अहमद ने यह तस्वीर अपने फेसबुक पर पेज डाली है और यह सोशल मीडिया में वायरल हो गई है. मिली जानकारी के मुताबिक यह तस्वीर ढाका विश्वविद्यालय में खींची गई है जहां कुछ दिन पहले ही हिंसा और विरोध प्रदर्शन हुये थे. इस मामले में तीन छात्रों को निलंबित किया गया है जिन्होंने ने दो छात्रों को एक दूसरे का हाथ पकड़ने पर मारापीटा था. वहीं बात करें इस तस्वीर के बारे में कई लोगों ने इसे अश्लील और भद्दा बताया है. बांग्लादेश की न्यूज वेबसाइट न्यूज-18 के मुताबिक एक रुढ़िवादी ब्लॉगर ने लिखा है, ' प्रेमीजोड़े ढीठ होते जा रहे हैं. पहले ऐसी चीजें परदे में होती थीं लेकिन अब दिन दहाड़े हो रही हैं. वह दूर नहीं जब ऐसे लोग सार्वजनिक जगहों पर प्यार करना शुरू कर देंगे. वहीं फोटो खींचने वाले जिबॉन अहमद का कहना है कि जोड़े ने फोटो पर कोई आपत्ति नहीं जताई है. वह खुद भी 'मॉरल पुलिसिंग' को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि वह विश्वविद्यालय में अच्छी तस्वीरों की तलाश में घूम रहे थे. तभी उन्होंने देखा कि एक प्रेमी जोड़ा बारिश में एक दूसरे को किस कर रहा है.
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अहमद ने बताया कि उन्होंने तुरंत इसको कैमरे में कैद कर लिया. लेकिन जब इस तस्वीर को न्यूजरूम भेजा तो उनके संपादक ने इस फोटो को छापने से मना कर दिया. उनका कहना था कि इसकी प्रतिक्रिया ठीक नहीं होगी. तब अहमद ने अपने संपादक से कहा, 'आप इस तस्वीर में नकारात्मकता नहीं देख सकते हैं, यह तो सच्चे प्यार का प्रतीक है. इसके बाद मैंने इसको इंस्टाग्राम और फेसबुक पर शेयर कर दी और एक घंटे में ही उसको 5 हजार बार शेयर किया गया. इसके एक दिन बाद उनके ही कुछ साथी फोटो जर्नलिस्ट ने उन पर हमला कर दिया और उनके बॉस ने उनसे ऑफिस की ओर जारी पहचानपत्र और लैपटॉप बिना कारण बताये वापस ले लिया. हालांकि अहमद ने संपादक को जब अपने ऊपर हुये हमले की जानकारी दी तो उन्होंने कानूनी कार्रवाई में मदद का वादा किया. संपादक की ओर लिखे अहमद के समर्थन में लिखे गए एक ईमेल में उसका समर्थन करते हुये कहा गया है कि हर कोई उसके काम की तारीफ कर रहा है.
अहमद इस बर्ताव से काफी दुखे हैं. उनका कहना है कि देश में कुछ लोग कागजों में ही पढ़े लिखे हैं लेकिन वास्तव में वह अनपढ़ हैं. वह इस फोटो के पीछे के संदेश को समझने में नाकाम हो गये हैं और अब मुझे अपने बारे में चिंता हो रही है. हालांकि कई लोग उनके समर्थन में भी आगे आए हैं.
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अहमद इस बर्ताव से काफी दुखे हैं. उनका कहना है कि देश में कुछ लोग कागजों में ही पढ़े लिखे हैं लेकिन वास्तव में वह अनपढ़ हैं. वह इस फोटो के पीछे के संदेश को समझने में नाकाम हो गये हैं और अब मुझे अपने बारे में चिंता हो रही है. हालांकि कई लोग उनके समर्थन में भी आगे आए हैं.
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