बीजिंग:
चीन और पाकिस्तान ने आठ करार किए। इनमें पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के उबड़-खाबड़ इलाके से रणनीतिक लिहाज से अहम 200 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने का 18 अरब डॉलर का भारी भरकम समझौता भी शामिल है।
दोनों देश इससे न केवल द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूती देना चाहते हैं, बल्कि उर्जा के लिए काफी कुछ आयात पर निर्भर चीन के लिए तेल आपूर्ति मार्ग भी सुगम बनेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल में हुई बातचीत के बाद इन समझौतों पर दस्तखत किए गए।
पाक-चीन आर्थिक गलियारे से चीन का रणनीतिक हित जुड़ा है। ली ने कहा कि 200 किलोमीटर की सुरंग अरब सागर में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को उत्तर-पश्चिम चीन में शिनझियांग में काशघर से जोड़ेगी।
रणनीतिक लिहाज से अहम ग्वादर बंदरगाह का नियंत्रण इसी साल चीन के हाथ में आया है। इससे उसकी अरब सागर तथा पश्चिम एशिया स्ट्रैट ऑफ होरमुज तक पहुंच सुगम होगी, जहां से दुनिया के एक-तिहाई तेल का परिवहन होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस गलियारे से शिनझियांग में भी विकास रफ्तार पकड़ेगा, जहां काफी अशांति रही है। वहीं इससे पश्चिम एशिया से चीन के लिए उर्जा आयात का नया मार्ग खुलेगा। यह गलियारा पीओके से गुजरेगा।
इस 18 अरब डॉलर के समझौते पर पाकिस्तान के योजना एवं विकास मंत्री अहसन इकबाल तथा चीन के राष्ट्रीय विकास एवं सुधार आयोग के चेयरमैन शु शाओ शि ने दस्तखत किए।
दोनों देश इससे न केवल द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूती देना चाहते हैं, बल्कि उर्जा के लिए काफी कुछ आयात पर निर्भर चीन के लिए तेल आपूर्ति मार्ग भी सुगम बनेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल में हुई बातचीत के बाद इन समझौतों पर दस्तखत किए गए।
पाक-चीन आर्थिक गलियारे से चीन का रणनीतिक हित जुड़ा है। ली ने कहा कि 200 किलोमीटर की सुरंग अरब सागर में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को उत्तर-पश्चिम चीन में शिनझियांग में काशघर से जोड़ेगी।
रणनीतिक लिहाज से अहम ग्वादर बंदरगाह का नियंत्रण इसी साल चीन के हाथ में आया है। इससे उसकी अरब सागर तथा पश्चिम एशिया स्ट्रैट ऑफ होरमुज तक पहुंच सुगम होगी, जहां से दुनिया के एक-तिहाई तेल का परिवहन होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस गलियारे से शिनझियांग में भी विकास रफ्तार पकड़ेगा, जहां काफी अशांति रही है। वहीं इससे पश्चिम एशिया से चीन के लिए उर्जा आयात का नया मार्ग खुलेगा। यह गलियारा पीओके से गुजरेगा।
इस 18 अरब डॉलर के समझौते पर पाकिस्तान के योजना एवं विकास मंत्री अहसन इकबाल तथा चीन के राष्ट्रीय विकास एवं सुधार आयोग के चेयरमैन शु शाओ शि ने दस्तखत किए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं