उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में कथित हेलीकॉप्टर 'चोरी' की शिकायत को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की. मगर पुलिस ने इस गलतफहमी के कारण उपजा मामला करार दिया है. पुलिस के अनुसार उसे ‘एसएआर एविएशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड' के पायलट रवींद्र सिंह की शिकायत मिली थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी फर्म का हेलीकॉप्टर चोरी हो गया है.
अखिलेश यादव का कानून -व्यवस्था पर सवाल
सिंह ने शिकायत में दावा किया कि मई में कुछ लोग हेलीकॉप्टर के पुर्जे अलग-अलग कर उसे ट्रक में भरकर ले गए थे तथा जब उन्होंने ऐसा करने वाले लोगों से इस बारे में पूछा तो उनके साथ मारपीट की गई. अखिलेश यादव ने इस मामले पर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश करते हुए ‘एक्स' पर पोस्ट किया. उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में अब तक अपराधी केवल हत्या, लूट, डकैती, दुष्कर्म से भाजपा की क़ानून-व्यवस्था का पुर्ज़ा- पुर्ज़ा खोल रहे थे लेकिन अब तो मेरठ में सच में हेलीकाप्टर का पुर्ज़ा- पुर्ज़ा खोलकर ट्रक पर लादकर ले जाने की ख़बर आयी है. यह हवाईपट्टी की सुरक्षा का भी सवाल है. क्या वहां की सुरक्षा व्यवस्था छुट्टी पर गयी है.”
हेलीकॉप्टर चोरी पर पुलिस ने दिया ये जवाब
पुलिस ने इसका जवाब देते हुए कहा कि हेलीकॉप्टर को ‘एसएआर एविएशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने' किसी दूसरी कंपनी को बेच दिया था एवं यह बात रवींद्र को मालूम नहीं थी. पुलिस क्षेत्राधिकारी अंतरिक्ष जैन ने कहा, “पता चला है कि संबंधित हेलीकॉप्टर सिंह की कंपनी ने किसी दूसरी कंपनी को बेच दिया था. सिंह को इसके बारे में पता नहीं था. कथित चोरी के दिन हेलीकॉप्टर खरीदने वाली फर्म के लोग उसे अलग-अलग टुकड़ों में बताकर ट्रक से ले गए थे.” उन्होंने कहा कि नई कंपनी की कार्रवाई “कानूनी सीमाओं के भीतर” थी और इसमें कोई गलत काम नहीं हुआ.
मारपीट और गाली-गलौज के आरोप गलत
जैन ने कहा कि जांच के दौरान सिंह द्वारा लगाए गए मारपीट और गाली-गलौज के आरोप भी गलत साबित हुए हैं. इससे पहले, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन टाडा ने संवाददाताओं को बताया कि यह घटना चोरी की नहीं, बल्कि एविएशन कंपनी के दो साझेदारों के बीच विवाद की है. चोरी की शिकायत रवींद्र सिंह ने परतापुर थाने में की थी. पुलिस के अनुसार उस शिकायत में उन्होंने दावा किया था कि 10 मई 2024 को एक मैकेनिक ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर हवाई पट्टी पर खड़े हेलीकॉप्टर को अनाधिकृत रूप से पुर्जे खोलकर अलग-अलग हिस्सों में बांटे जाने की सूचना दी थी.
एविएशन कंपनी की वेबसाइट पर सूचीबद्ध नंबर पर फोन पर संपर्क करने पर खुद को ‘एसएआर एविएशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड' का निदेशक बताने वाले कैप्टन जी सी पांडे ने कहा, “मुझे नहीं पता कि यह सब कैसे शुरू हुआ. इसमें कोई सुरक्षा या संरक्षा संबंधी चूक नहीं है.” एसएआर एविएशन के पायलट रवींद्र सिंह की शिकायत के बारे में पूछे जाने पर कैप्टन पांडे ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि शिकायत क्यों की गई. पांडे ने कहा, "मुझे नहीं पता कि शिकायत क्यों की गई. जहां तक रवींद्र सिंह का सवाल है, वह अब हमारी कंपनी में नहीं हैं." उन्होंने कहा कि जिस 'हेलीकॉप्टर' की वजह से इतना विवाद हुआ है उसे 2023 में ही बेच दिया गया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं