Old और New Tax Regime में कौन रहेगा फायदेमंद, ऐसे मिनटों में दूर करें सारा कन्फ्यूजन

New Tax Regime Vs Old Tax Regime: यहां हम आपको बताएंगे कि पुरानी और नई टैक्स रिजीम में से आपको कौन-सी रिजीम सेलेक्ट करनी चाहिए.

Old और New Tax Regime में कौन रहेगा फायदेमंद, ऐसे मिनटों में दूर करें सारा कन्फ्यूजन

Old Vs New Tax Regime: इन दोंनो रिजीम में टैक्सपेयर्स को 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ दिया जाता है. 

नई दिल्ली: New Tax Regime Vs Old Tax Regime: वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने का समय आ गया है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से टैक्सपेयर्स (Taxpayers)  के लिए  ITR-1, ITR-2 और ITR-4 फॉर्म जारी कर दी गई हैं. इनकम टैक्स फाइल (ITR Filing 2024) करने की डेडलाइन 31 जुलाई 2024 है. इस बार आपको आईटीआर भरते समय  इनकम टैक्स की नई और पुरानी रीजीम (New Vs Old Tax Regime) में से किसी एक को सेलेक्ट करना होगा. ऐसे में टैक्सपेयर्स इस कैलकुलेशन में लगे हैं कि इन दोनों टैक्स रिजीम में किसमें ज्यादा टैक्स (Tax Saving) बचेगा. इसके अलावा वह ये जानना चाह रहे हैं कि कौन-सी टैक्स रिजीम बेस्ट है.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. पिछले साल, यानी 2023 में बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू टैक्स रिजीम को डीफ़ॉल्ट बनाने की घोषणा की, जिसके बाद सभी टैक्सपेयर्स के लिए पुरानी टैक्स रिजीम (OLD Tax Regime) और नई टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में से किसी एक को चुनना अनिवार्य हो गया. इसी दौरान, उन्होंने इनकम टैक्स की नई रिजीम में टैक्स एग्ज़म्प्शन (Tax Exemption) की लिमिट को भी ₹2.5 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख करने का ऐलान भी किया. इसका मतलब हुआ कि अगर किसी व्यक्ति की सालाना इनकम ₹3 लाख या इससे कम है, तो उसे कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा. 

  2. इसके साथ ही इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 87ए के तहत न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स रिबेट को भी ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹7 लाख कर दिया गया. इसका अर्थ हुआ कि अगर किसी व्यक्ति की सालाना इनकम 7 लाख रुपये तक है, तो उसे नई रीजीम में टैक्स की देनदारी से छूट मिल जाएगी, और कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा. इसके अलावा, नई टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया, और अब ₹3 लाख से ₹6 लाख तक 5 फ़ीसदी टैक्स वसूला जाएगा, ₹6 से 9 लाख तक की आय पर 10 प्रतिशत, ₹9 से 12 लाख तक की आय पर 15 प्रतिशत, ₹12 से 15 लाख तक की आय पर 20 प्रतिशत और ₹15 लाख से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाता है.

  3. ओल्ड टैक्स रिजीम में 87ए के तहत सिर्फ़ ₹5 लाख तक की इनकम पर टैक्स से छूट मिलती है. ₹2.5 लाख से ₹5 लाख तक की आय पर 5 फ़ीसदी, ₹5 से 10 लाख की आय पर 20 प्रतिशत और ₹10 लाख से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होता है.

  4. न्यू टैक्स रिजीम और ओल्ड टैक्स रिजीम में एक सबसे बड़ा अंतर ये है कि आपको ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत इनकम टैक्स फाइल करने पर 80C, 80D, 80TTA के तहत कई तरह की छूट मिलती है.वहीं, न्यू टैक्स रिजीम में कोई छूट नहीं मिलती है.अगर आप इनकम टैक्स छूट (Tax Deduction) का फायदा लेना चाहते हैं तो ओल्ड टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर रहेगा. 

  5. इन दोनों टैक्स रिजीम में टैक्स जो एक जैसी बात है वो ये है कि इन दोंनो में टैक्सपेयर्स को 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन  (Standard Deduction) का लाभ दिया जाता है. 

  6. अगर आपने कई जगहों पर निवेश किया है और टैक्स छूट क्लेम करना चाहते हैं तो आपको ओल्ड टैक्स रिजीम को सेलेक्ट करना चाहिए. अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम चुनाना चाह रहे हैं तो उसे तुरंत सेलेक्ट कर लें.क्योंकि इस बार न्यू टैक्स रिजीम ही डिफॉल्ट रिजीम है.इसका मतलब कि अगर आप इनकम टैक्स भरते समय कोई टैक्स रिजीम सेलेक्ट नहीं करते हैं तो आप ऑटोमेटिक रूप से न्यू टैक्स रिजीम में शामिल हो जाएंगे.