आज के दौर में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी SIP निवेशकों के बीच काफी तेजी से पॉपुलर हो रहा है. AMFI डेटा से पता चलता है कि महीने-वार SIP कॉन्ट्रीब्यूशन पर नजर डालें तो नवंबर में म्यूचुअल फंड SIP इन्वेस्टमेंट लगातार दूसरे महीने 25,000 करोड़ रुपये से ऊपर रही. SIP में कई तरह के फायदे मिलते हैं जो हर तरह के निवेशकों को पसंद आते हैं.
SIP के जरिए आप मार्केट से जुड़े उतार-चढ़ाव के जोखिम यानी रिस्क को काफी हद तक कम करते हुए म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा, आप SIP में 500 रुपये जितनी छोटी रकम से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. आइए SIP के पांच बड़े फायदों (5 big benefits of SIP) के बारे में जानते हैं.
ज्यादा रिटर्न का फायदा (Benefit of Higher Returns)
कई ट्रेडिशनल इन्वेस्टमेंट स्कीम की तुलना में SIP बेहतर रिटर्न ऑफर करते हैं. SIP (Systematic Investment Plans) में आप छोटी राशि से निवेश शुरू कर सकते हैं और जैसे-जैसे समय के साथ आपकी इनकम बढ़ती है, इसे भी धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं. इसके अलावा, SIP आपकी सुविधानुसार निवेश जारी रखने की सुविधा प्रदान करती हैं.
फ्लेक्सिबिलिटी इन्वेस्टमेंट शेड्यूल (Flexible investment schedule)
SIP में आप अपनी सुविधानुसार मासिक, तिमाही या छमाही आधार पर निवेश कर सकते हैं. इतना ही नहीं आर्थिक संकट (financial crisis) के समय आपके पास अपने निवेश को अस्थायी रूप से रोकने का विकल्प भी होता है. यह फ्लैक्सिबिलिटी SIP को एक आकर्षक और सुविधाजनक निवेश विकल्प बनाती है.
कंपाउंडिंग का फायदा (Power of compounding)
SIP में निवेश करने पर कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. जिसका मतलब है कि आप न केवल अपनी मूल रकम (Principal Investment) पर बल्कि समय के साथ उस पर मिलने वाले रिटर्न पर भी रिटर्न कमाते हैं. आमतौर पर SIP 12% तक का औसत रिटर्न देती हैं. यानी लंबी अवधि में SIP से मोटी रकम जुटाई जा सकती है.
रेगुलर सेविंग और इन्वेस्टमेंट की आदत
SIP रेगुलर सेविंग और वित्तीय अनुशासन (financial discipline) की आदत को बढ़ावा देते हैं. हर महीने, तिमाही या छमाही में निवेश के लिए एक निश्चित राशि निर्धारित करके, आप अपने फाइनेंस और खर्चों को मैनेज करने के लिए एक अनुशासित दृष्टिकोण अपना सकते हैं.
एवरेजिंग का फायदा (Rupee-cost averaging advantage)
SIP में एवरेजिंग का फायदा मिलता है, जिसके जरिए मार्केट रिस्क को कम करने में मदद मिलती है. जैसे जब मार्केट गिरता है, तो आप ज्यादा यूनिट खरीद पाते हैं. इसी तरह जब मार्केट ऊपर जाता है तो कम यूनिट खरीद पाते हैं. यह स्ट्रैटजी सुनिश्चित करती है कि मार्केट के उतार-चढ़ाव का आप पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े. समय के साथ, जैसे-जैसे मार्केट में सुधार होता है, आपके औसत निवेश को बेहतर रिटर्न का फायदा मिलता है. लॉन्ग टर्म में बड़ी रकम जुटाने के मामले में SIP लगातार एक अच्छा विकल्प साबित हुई हैं.
2025 में, SIP को स्मार्ट तरीके से सेटअप करने के पांच तरीके:
सही SIP अमाउंट से करें शुरुआत (Start with right SIP amount)
अपना SIP अमाउंट निर्धारित करने के लिए एक कैलकुलेटर अप्रोच अपनाएं. इसके लिए अपनी इनकम, एक्सपेंस और फाइनेंशियल गोल को पहले एनालाइज करें. फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है कि SIP दूसरी योजनाओं की तुलना में बेहतर रिटर्न ऑफर करती है. आप इसमें छोटी राशि से निवेश शुरू कर सकते हैं और अपनी इनकम बढ़ने पर इस राशि को बढ़ा सकते हैं. SIP आपको फ्लैक्सिबिलिटी देती है, ताकि आप इसे अपनी सुविधा के मुताबिक जारी रख सकें.
अपने SIP की रकम को हर साल बढ़ाएं (Step up your SIP annually)
जिस तरह हर साल आपकी इनकम में इजाफा होता है, उसकी तरह हर साल SIP निवेश की रकम को बढ़ाना बुद्धिमानी है. इसके लिए आप स्टेप-अप SIP (Step-Up SIP) का ऑप्शन चुन सकते हैं, जो ऑटोमेटिक एनुअल इंक्रीमेंट की इजाजत देता है. यह सुनिश्चित करता है कि आपका पोर्टफोलियो आपकी वित्तीय क्षमता के साथ-साथ बढ़ता रहे.
डायरेक्ट SIP चुनें (Choose direct SIP)
डायरेक्ट एसआईपी (Direct SIP) कमीशन-बेस्ड बिचौलियों को खत्म करके बेहतर रिटर्न और लोअर एक्सपेंस रेश्यो ऑफर करती हैं. यह बायस्ड एडवाइज से बचने और कोस्ट को कंट्रोल में रखने का एक शानदार तरीका है.
बहुत ज्यादा स्कीम में न करें निवेश (Limit number of schemes)
ज्यादा-डायवर्सिफिकेशन रिटर्न को कम कर सकता है और पोर्टफोलियो को ओवरलैप बना सकता है. इसलिए किसी फाइनेंशियल एडवाइजर की मदद लेकर कुछ हाई क्वालिटी स्कीम्स को चुनें. SIP के जरिए, आप नियमित बचत और वित्तीय अनुशासन सीखते हैं. इसमें आप हर महीने, तिमाही या छमाही आधार पर निवेश के लिए एक रकम अलग रखते हैं, जिससे आपके खर्चों में अनुशासन आता है.'
बार-बार पोर्टफोलियो में बदलाव से बचें
SIP रिटर्न को ज्यादा से ज्यादा करने के लिए धैर्य रखना बहुत जरूरी है. SIP में नियमित तौर पर निवेश करने से आपको rupee cost averaging का फायदा मिलता है. जब मार्केट गिरता है तो आपको ज्यादा यूनिट मिलती हैं. जब मार्केट बढ़ता है तो यूनिट की संख्या कम हो जाती है. इससे मार्केट में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको नुकसान नहीं होता है. जब मार्केट बढ़ता है, तो आपको अपने औसत निवेश पर बेहतर रिटर्न कमाने का मौका मिलता है.
सही राशि से SIP में निवेश की शुरुआत करके, सालाना निवेश बढ़ाकर और अनुशासित दृष्टिकोण बनाए रखकर आप लंबी अवधि में अच्छी-खासी रकम जुटा सकते हैं. इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि SIP सिर्फ एक इन्वेस्टमेंट टूल नहीं हैं, ये आपके लॉन्ग टर्म गोल को पूरा करने का एक जरिया है.
(नोट- यह सिर्फ एक सामान्य जानकारी है. किसी भी तरह के निवेश से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
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