समलैंगिगता
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धारा 377 पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, समलैंगिगता कोई मानसिक विकार नहीं
- Thursday September 6, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव |
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के एक हिस्से को, जो सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध बताता है, तर्कहीन, बचाव नहीं करने वाला और मनमाना करार दिया.
- ndtv.in
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? केंद्र ने कहा- धारा 377 का मसला हम सुप्रीम कोर्ट के विवेक पर छोड़ते हैं
- Wednesday July 11, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क |
समलैंगिकता अपराध है या नहीं, इसे तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. मंगलवार से जारी सुनवाई में कई तरह की बातें आने के बाद बुधवा को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ से कहा कि समलैंगिकता संबंधी धारा 377 की संवैधानिकता के मसले को हम कोर्ट के विवेक पर छोड़ते हैं.
- ndtv.in
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में धारा 377 पर आज से सुनवाई, 10 बड़ी बातें
- Tuesday July 10, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क |
समलैंगिगता को अपराध मानने वाली IPC धारा 377 को अंसवैधानिक करार देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ आज मंगलवार यानी 10 जुलाई मंगलवार से सुनवाई शुरू करेगी. इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की चार हफ्ते के लिए सुनवाई टालने के आग्रह को ठुकरा दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सुनवाई टाली नहीं जाएगी. बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 2009 में अपने एक फैसले में कहा था कि आपसी सहमति से समलैंगिकों के बीच बने यौन संबंध अपराध की श्रेणी में नहीं होंगे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को दरकिनार करते हुए समलैंगिक यौन संबंधों को आईपीसी की धारा 377 के तहत ‘अवैध’ घोषित कर दिया था.
- ndtv.in
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को करेगा सुनवाई, केंद्र की सुनवाई टालने संबंधी याचिका ठुकराई
- Monday July 9, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव |
समलैंगिगता को अपराध मानने वाली IPC धारा 377 को अंसवैधानिक करार देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ 10 जुलाई यानी मंगलवार से सुनवाई शुरू करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की चार हफ्ते के लिए सुनवाई टालने के आग्रह को ठुकरा दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सुनवाई टाली नहीं जाएगी. बता दें कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इस मामले में सरकार को हलफनामा दाखिल करना है जो इस केस में महत्वपूर्ण हो सकता है. इसलिए केस को चार हफ्ते के लिए टाला जाए. CJI ने केंद्र से कहा कि मंगलवार को कल याचिकाकर्ता बहस करेंगे. केंद्र उसके बाद कर सकता है.
- ndtv.in
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ 10 जुलाई से करेगी सुनवाई
- Friday July 6, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव |
समलैंगिगता को अपराध मानने वाली आईपीसी की धारा 377 को अंसवैधानिक करार देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ 10 जुलाई से सुनवाई शुरू करेगी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंग्टन आर नरीमन, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांग चुका है.
- ndtv.in
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धारा 377: सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र को नोटिस देकर कर मांगा जवाब, जुलाई में हो सकती है सुनवाई
- Tuesday May 1, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव |
याचिकाओं को मुख्य मामले के साथ जोड़कर संविधान पीठ को मामले की सुनवाई करनी है. याचिकाकर्ता आरिफ जफर 2001 में इसी मामले में 49 दिनों तक जेल में बंद रहे. सुप्रीम कोर्ट जुलाई में सुनवाई कर सकता है.
- ndtv.in
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समलैंगिकता को अपराध बताने वाले कानून को रद्द करने की मांग वाली एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल
- Friday April 20, 2018
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव |
समलैंगिकता को IPC 377 के तहत अपराध को चुनौती देने वाली एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है. यह याचिका होटेलियर केशव सूरी ने दाखिल की है. इसमें समलैंगिगता को अपराध बताने वाले कानून को रद्द करने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार यानी 23 अप्रैल को सुनवाई होगी. बता दें कि यह मामला पांच जजों के पीठ में लंबित है.
- ndtv.in
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समलैंगिकता पर क्यूरेटिव पेटिशन की सुनवाई को तैयार सुप्रीम कोर्ट
- Thursday January 28, 2016
- Edited by: Ashish Kumar Bhargava |
आखिरकार समलैंगिगता पर IPC की धारा 377 का अपराध होने के फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव पेटिशन पर सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की पीठ अब सुनवाई को तैयार है। क्यूरेटिव बेंच 2 फरवरी को सुनवाई शुरू करेगी। ये सुनवाई खुली अदालत में होगी।
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धारा 377 पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, समलैंगिगता कोई मानसिक विकार नहीं
- Thursday September 6, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव |
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 के एक हिस्से को, जो सहमति से अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध बताता है, तर्कहीन, बचाव नहीं करने वाला और मनमाना करार दिया.
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? केंद्र ने कहा- धारा 377 का मसला हम सुप्रीम कोर्ट के विवेक पर छोड़ते हैं
- Wednesday July 11, 2018
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं, इसे तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. मंगलवार से जारी सुनवाई में कई तरह की बातें आने के बाद बुधवा को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ से कहा कि समलैंगिकता संबंधी धारा 377 की संवैधानिकता के मसले को हम कोर्ट के विवेक पर छोड़ते हैं.
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में धारा 377 पर आज से सुनवाई, 10 बड़ी बातें
- Tuesday July 10, 2018
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समलैंगिगता को अपराध मानने वाली IPC धारा 377 को अंसवैधानिक करार देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ आज मंगलवार यानी 10 जुलाई मंगलवार से सुनवाई शुरू करेगी. इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की चार हफ्ते के लिए सुनवाई टालने के आग्रह को ठुकरा दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सुनवाई टाली नहीं जाएगी. बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 2009 में अपने एक फैसले में कहा था कि आपसी सहमति से समलैंगिकों के बीच बने यौन संबंध अपराध की श्रेणी में नहीं होंगे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को दरकिनार करते हुए समलैंगिक यौन संबंधों को आईपीसी की धारा 377 के तहत ‘अवैध’ घोषित कर दिया था.
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को करेगा सुनवाई, केंद्र की सुनवाई टालने संबंधी याचिका ठुकराई
- Monday July 9, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव |
समलैंगिगता को अपराध मानने वाली IPC धारा 377 को अंसवैधानिक करार देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ 10 जुलाई यानी मंगलवार से सुनवाई शुरू करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की चार हफ्ते के लिए सुनवाई टालने के आग्रह को ठुकरा दिया. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सुनवाई टाली नहीं जाएगी. बता दें कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इस मामले में सरकार को हलफनामा दाखिल करना है जो इस केस में महत्वपूर्ण हो सकता है. इसलिए केस को चार हफ्ते के लिए टाला जाए. CJI ने केंद्र से कहा कि मंगलवार को कल याचिकाकर्ता बहस करेंगे. केंद्र उसके बाद कर सकता है.
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समलैंगिकता अपराध है या नहीं? सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ 10 जुलाई से करेगी सुनवाई
- Friday July 6, 2018
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समलैंगिगता को अपराध मानने वाली आईपीसी की धारा 377 को अंसवैधानिक करार देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ 10 जुलाई से सुनवाई शुरू करेगी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिंग्टन आर नरीमन, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांग चुका है.
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धारा 377: सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र को नोटिस देकर कर मांगा जवाब, जुलाई में हो सकती है सुनवाई
- Tuesday May 1, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव |
याचिकाओं को मुख्य मामले के साथ जोड़कर संविधान पीठ को मामले की सुनवाई करनी है. याचिकाकर्ता आरिफ जफर 2001 में इसी मामले में 49 दिनों तक जेल में बंद रहे. सुप्रीम कोर्ट जुलाई में सुनवाई कर सकता है.
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समलैंगिकता को अपराध बताने वाले कानून को रद्द करने की मांग वाली एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल
- Friday April 20, 2018
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव |
समलैंगिकता को IPC 377 के तहत अपराध को चुनौती देने वाली एक और याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है. यह याचिका होटेलियर केशव सूरी ने दाखिल की है. इसमें समलैंगिगता को अपराध बताने वाले कानून को रद्द करने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार यानी 23 अप्रैल को सुनवाई होगी. बता दें कि यह मामला पांच जजों के पीठ में लंबित है.
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समलैंगिकता पर क्यूरेटिव पेटिशन की सुनवाई को तैयार सुप्रीम कोर्ट
- Thursday January 28, 2016
- Edited by: Ashish Kumar Bhargava |
आखिरकार समलैंगिगता पर IPC की धारा 377 का अपराध होने के फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव पेटिशन पर सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की पीठ अब सुनवाई को तैयार है। क्यूरेटिव बेंच 2 फरवरी को सुनवाई शुरू करेगी। ये सुनवाई खुली अदालत में होगी।
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