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प्राइम टाइम इंट्रो : अहम सवाल, देश में जीएम सरसों की पैदावार होनी चाहिए?
- Tuesday May 23, 2017
- रवीश कुमार
हजारों साल से प्राकृतिक सरसों हमारे भरोसे का साथी रहा है. प्राकृतिक सरसों इसलिए कहा क्योंकि अब एक नया सरसों आ सकता है जिसे वैज्ञानिक भाषा में जेनेटिकली मोडिफाइड मस्टर्ड कहते हैं. हिन्दी में जीएम सरसों कह सकते हैं. पूरी दुनिया में जीएम फूड यानी जेनिटिकली मोडिफाइड अनाजों के खाने और असर को लेकर बहस चल रही है. भारत में इस बहस का नतीजा यह निकला कि 2010 में बीटी ब्रिंजल, बीटी बैंगन पर रोक लगा दी गई. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रूवल कमेटी जीईएसी ने पर्यावरण मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जीएम मस्टर्ड की व्यावसायिक खेती की अनुमति दी जा सकती है. पर्यावरण मंत्रालय की वेबसाइट में जीएम फूड को लेकर सवाल-जवाब छापे गए हैं. इसमें कहा गया है कि सारे जीएम फूड को हम एक तराजू पर नहीं तौल सकते.
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ndtv.in
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अनिल माधव दवे से आखिरी मुलाकात
- Thursday May 18, 2017
- हृदयेश जोशी
दिल्ली में बुधवार को चिलचिलाती गर्मी में कोई 50 कार्यकर्ता और किसान पर्यावरण मंत्रालय के बाहर जीएम सरसों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों के पर्यावरण भवन पहुंचने के कुछ ही मिनट बाद मंत्री अनिल माधव दवे का पैगाम उन तक आ गया. 'मंत्री जी मिलना चाहते हैं. कुछ लोग भीतर आकर उनसे बात कर सकते हैं.'
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जीएम सरसों को तुरंत मंज़ूरी की संभावना नहीं, संघ के विरोध से सरकार पर दबाव बढ़ा
- Wednesday May 17, 2017
- Reported by: हृदयेश जोशी, Edited by: श्रीराम शर्मा
जेनेटिक मोडिफाइड यानी जीएम सरसों को भले ही सरकार की एक्सपर्ट कमेटी ने पिछले हफ्ते मंज़ूरी दे दी हो लेकिन, अभी इसके खेतों में उगाए जाने और बाज़ार में आने की संभावना कम ही है. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बुधवार को जीएम सरसों को लेकर दिल्ली में पर्यावरण मंत्रालय के सामने विरोध-प्रदर्शन किया.
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बीटी बैंगन को बांग्लादेश से भारत आने से रोकने का वैज्ञानिकों ने किया आग्रह
- Wednesday December 2, 2015
- Edited by: IANS
सामाजिक कार्यकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने पश्चिम बंगाल सरकार से आग्रह किया है कि वह आनुवांशिक रूप से परिवर्तित बीटी बैंगन (ब्रिंजल) को बांग्लदेश से भारत आने से रोकने के मामले को केंद्र सरकार के सामने उठाए।
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प्राइम टाइम इंट्रो : अहम सवाल, देश में जीएम सरसों की पैदावार होनी चाहिए?
- Tuesday May 23, 2017
- रवीश कुमार
हजारों साल से प्राकृतिक सरसों हमारे भरोसे का साथी रहा है. प्राकृतिक सरसों इसलिए कहा क्योंकि अब एक नया सरसों आ सकता है जिसे वैज्ञानिक भाषा में जेनेटिकली मोडिफाइड मस्टर्ड कहते हैं. हिन्दी में जीएम सरसों कह सकते हैं. पूरी दुनिया में जीएम फूड यानी जेनिटिकली मोडिफाइड अनाजों के खाने और असर को लेकर बहस चल रही है. भारत में इस बहस का नतीजा यह निकला कि 2010 में बीटी ब्रिंजल, बीटी बैंगन पर रोक लगा दी गई. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रूवल कमेटी जीईएसी ने पर्यावरण मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जीएम मस्टर्ड की व्यावसायिक खेती की अनुमति दी जा सकती है. पर्यावरण मंत्रालय की वेबसाइट में जीएम फूड को लेकर सवाल-जवाब छापे गए हैं. इसमें कहा गया है कि सारे जीएम फूड को हम एक तराजू पर नहीं तौल सकते.
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अनिल माधव दवे से आखिरी मुलाकात
- Thursday May 18, 2017
- हृदयेश जोशी
दिल्ली में बुधवार को चिलचिलाती गर्मी में कोई 50 कार्यकर्ता और किसान पर्यावरण मंत्रालय के बाहर जीएम सरसों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों के पर्यावरण भवन पहुंचने के कुछ ही मिनट बाद मंत्री अनिल माधव दवे का पैगाम उन तक आ गया. 'मंत्री जी मिलना चाहते हैं. कुछ लोग भीतर आकर उनसे बात कर सकते हैं.'
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- Wednesday May 17, 2017
- Reported by: हृदयेश जोशी, Edited by: श्रीराम शर्मा
जेनेटिक मोडिफाइड यानी जीएम सरसों को भले ही सरकार की एक्सपर्ट कमेटी ने पिछले हफ्ते मंज़ूरी दे दी हो लेकिन, अभी इसके खेतों में उगाए जाने और बाज़ार में आने की संभावना कम ही है. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बुधवार को जीएम सरसों को लेकर दिल्ली में पर्यावरण मंत्रालय के सामने विरोध-प्रदर्शन किया.
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- Wednesday December 2, 2015
- Edited by: IANS
सामाजिक कार्यकर्ताओं और वैज्ञानिकों ने पश्चिम बंगाल सरकार से आग्रह किया है कि वह आनुवांशिक रूप से परिवर्तित बीटी बैंगन (ब्रिंजल) को बांग्लदेश से भारत आने से रोकने के मामले को केंद्र सरकार के सामने उठाए।
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