जस्टिस एस अब्दुल नजीर
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जनप्रतिनिधियों की अभिव्यक्ति या बोलने की आजादी पर कोई अतिरिक्त पाबंदी की जरूरत नहीं : सुप्रीम कोर्ट
- Tuesday January 3, 2023
- Reported by: आशीष भार्गव
जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस भूषण आर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी राम सुब्रमण्यम और जस्टिस बी वी नागरत्ना का संविधान पीठ की ओर से फैसला सुना गया है
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सुप्रीम कोर्ट में एक और संविधान पीठ का गठन, जस्टिस एस अब्दुल नजीर करेंगे पीठ की अगुआई
- Tuesday September 27, 2022
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अगुआई में एक संविधान पीठ का गठन किया गया है. इस संविधान पीठ के सामने भी पांच अहम मुद्दे विचारार्थ होंगे, जिसमें पहला मामला नोटबंदी के आदेश को चुनौती देने का है.
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SC का बड़ा फैसला, 'दुर्घटना मामलों में दामाद की मौत पर मुआवजे की मांग कर सकती है उस पर निर्भर सास'
- Monday October 25, 2021
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव
जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने ये फैसला देते हुए कहा कि भारतीय समाज में सास का बुढ़ापे में अपनी बेटी और दामाद के साथ रहना और अपने भरण-पोषण के लिए अपने दामाद पर निर्भर रहना असामान्य नहीं है. वह कानूनी उत्तराधिकारी नहीं हो सकती लेकिन दामाद की मृत्यु होने पर वह निश्चित रूप से प्रभावित पक्ष है.
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सुप्रीम कोर्ट में आधार की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाएं खारिज
- Wednesday January 20, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पांच जजों की बेंच ने आधार (Aadhaar) की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने इस पर फिर असहमति जताई. मामले में चेंबर में विचार हुआ. राज्यसभा सांसद जयराम रमेश समेत सात याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर विचार हुआ. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने विचार किया.
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आधार की संवैधानिकता को चुनौती, SC के 5 जजों की बेंच पुनर्विचार याचिकाओं पर करेगी चर्चा
- Sunday January 10, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: राहुल सिंह
राज्यसभा सांसद जयराम रमेश (Jairam Ramesh) समेत सात याचिकाओं पर विचार होगा. जस्टिस ए एम.खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस बीआर गवई की बेंच इसपर चर्चा करेगी. याचिकाओं में आधार को बहुमत के फैसले के रूप में बरकरार रखने की सरकार के 'वैध उद्देश्य' को पूरा करने के लिए व्यक्तिगत निजता पर एक उचित प्रतिबंध के रूप में अदालत के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई है.
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मौत की सजा के बाद दोषी के बर्ताव के आधार पर फैसला बदलने की इजाजत नहीं दी जा सकती : सुप्रीम कोर्ट
- Thursday January 23, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
मौत की सजायाफ्ता शबनम और सलीम द्वारा दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस मामले में सभी पहलुओं को देखने के बाद फैसला दिया गया था.
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Ayodhya Case : जमीन के मालिकाना हक पर सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला
- Saturday November 9, 2019
- Written by: मानस मिश्रा
Ayodhya Case: अयोध्या में सारी बहस और तथ्यों के बीच आज सिर्फ इस बात का जवाब मिलेगा कि विवादित जमीन पर मालिकाना हक किसका है. अदालत में फैसला सिर्फ इसी बात का होना है. कोर्ट में बहस के दौरान दलीलें भी इसी बात को लेकर दोनों पक्षों की ओर से दी गई हैं. संविधान सभा का आज का फैसला सिर्फ इसी बात पर टिका हुआ है और इस सवाल का जवाब आते ही इस 100 साल से ज्यादा पुराने इस विवाद से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे. हालांकि यह फैसला इस मामले पर अंतिम फैसला नहीं होगा, इसके बाद रिव्यू पिटीशन दाखिल की जा सकेगी. रिव्यू पिटीशन यानी कि पुनर्विचार याचिका उसी बेंच के पास आती है जो बेंच फैसला सुनाती है. जस्टिस रंजन गोगोई की इस बेंच में उनके अलावा जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. यदि 17 नवंबर के पहले पुनर्विचार याचिका आती है तो इसे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ही सुनेगी. लेकिन यदि यह पिटीशन इसके बाद आई तो अगले चीफ जस्टिस तय करेंगे कि रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई के लिए मौजूदा पीठ में जस्टिस गोगोई की जगह पांचवा जज कौन होगा. सुप्रीम कोर्ट यह भी तय करेगा कि रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई की जाए या नहीं की जाए.
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जिस अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला, जानें उसका इतिहास, अब तक क्या-क्या हुआ?
- Saturday November 9, 2019
- Written by: नितेश श्रीवास्तव
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या विवाद (Ayodhya Case) मामले में शनिवार को फैसला सुनायेगा. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi), जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ , जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की 5 सदस्यीय बेंच शनिवार की सुबह साढ़े दस बजे यह फैसला सुनाएगी.
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अयोध्या मामले की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई, गोविंदाचार्य ने की थी मांग
- Wednesday October 16, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: अल्केश कुशवाहा
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई ने मांग को ठुकरा दी. निर्मोही अखाड़ा की ओर से सुशील जैन ने बहस किया. CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठी में जस्टिस एस ए बोबड़े, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.
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जिंदा या मृत, उन्हें बाहर निकालें: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार- मेघालय में मजदूरों का क्या हुआ, हम बचाव कार्य से संतुष्ट नहीं
- Thursday January 3, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव
जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि अगर सरकार कदम उठा रही है तो खदान के मजदूरों का क्या हुआ? बेंच ने कहा, 'मजदूरों को खदान में फंसे हुए कितने दिन हो गए? क्या इस मामले में केंद्र, राज्य और एजेंसियों के बीज समन्वय नहीं है? क्या कोर्ट सेना को कदम उठाने के लिए आग्रह नहीं कर सकता? हम अभी तक उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है. अगर ये भी माना जा रहा है कि वो जिंदा हैं या नहीं तो भी उन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए.' साथ ही जस्टिस सीकरी ने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि वे सब जिंदा हैं.
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अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला 2019 के मद्देनजर बेहद अहम
- Thursday September 27, 2018
- Reported by: अखिलेश शर्मा, Edited by: सूर्यकांत पाठक
दशकों से लटके राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद की सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट में अब 29 अक्टूबर से इस मामले की सुनवाई शुरू हो जाएगी. आज एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मस्जिद में नमाज़ पढ़ना इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं, इस सवाल को बड़ी पीठ को भेजने की जरूरत नहीं है.
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बहुमत से अलग जस्टिस नजीर बोले- व्यापक परीक्षण के बिना लिया गया फैसला, धार्मिक आस्था को ध्यान में रखकर विचार की ज़रूरत
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं’ के बारे में शीर्ष अदालत के 1994 के फैसले को फिर से विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से गुरुवार को इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच में से 2-1 की बहुमत से यह फैसला लिया गया कि इस मामले को बड़ी बेंच के पास नहीं भेजा जाएगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह मामला अयोध्या जमीन विवाद से अलग है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर तीन जजों में से एक जस्टिस अब्दुल नजीर ने अन्य जजों की राय से अपनी असहमति जताई है. जस्टिस एस अब्दुल नजीर का कहना है कि बड़ी बेंच को भेजा जाना चाहिए था मामला.
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सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले पर अहम सुनवाई आज
- Tuesday December 5, 2017
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की अहम सुनवाई होगी. जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी .इस मामले में सबसे बड़ी बाधा थी कागजी कार्यवाही का पूरा नहीं होना, जो अब पूरी हो चुकी है.
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अयोध्या विवाद पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने गठित की तीन जजों की स्पेशल बेंच
- Sunday August 6, 2017
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव, Edited by: प्रवीण प्रसाद सिंह
रामजन्म भूमि बाबरी विवाद पर 11 अगस्त को 2 बजे से सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने के लिए चीफ जस्टिस ने तीन जजों की स्पेशल बेंच बना दी है. जस्टिस दिपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.
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सुप्रीम कोर्ट में की गई पांच जजों की नियुक्ति, राष्ट्रपति ने मुहर लगाई
- Wednesday February 15, 2017
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति के फैसले पर मुहर लगा दी है. मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय किशन कौल, राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नवीन सिन्हा, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता, केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहन एम शांतनागोदर और कर्नाटक हाईकोर्ट के जज एस अब्दुल नजीर सुप्रीम कोर्ट के नए जज होंगे. पांचों जज 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में शपथ ले सकते हैं.
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जनप्रतिनिधियों की अभिव्यक्ति या बोलने की आजादी पर कोई अतिरिक्त पाबंदी की जरूरत नहीं : सुप्रीम कोर्ट
- Tuesday January 3, 2023
- Reported by: आशीष भार्गव
जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस भूषण आर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी राम सुब्रमण्यम और जस्टिस बी वी नागरत्ना का संविधान पीठ की ओर से फैसला सुना गया है
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सुप्रीम कोर्ट में एक और संविधान पीठ का गठन, जस्टिस एस अब्दुल नजीर करेंगे पीठ की अगुआई
- Tuesday September 27, 2022
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अगुआई में एक संविधान पीठ का गठन किया गया है. इस संविधान पीठ के सामने भी पांच अहम मुद्दे विचारार्थ होंगे, जिसमें पहला मामला नोटबंदी के आदेश को चुनौती देने का है.
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SC का बड़ा फैसला, 'दुर्घटना मामलों में दामाद की मौत पर मुआवजे की मांग कर सकती है उस पर निर्भर सास'
- Monday October 25, 2021
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव
जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने ये फैसला देते हुए कहा कि भारतीय समाज में सास का बुढ़ापे में अपनी बेटी और दामाद के साथ रहना और अपने भरण-पोषण के लिए अपने दामाद पर निर्भर रहना असामान्य नहीं है. वह कानूनी उत्तराधिकारी नहीं हो सकती लेकिन दामाद की मृत्यु होने पर वह निश्चित रूप से प्रभावित पक्ष है.
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सुप्रीम कोर्ट में आधार की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाएं खारिज
- Wednesday January 20, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पांच जजों की बेंच ने आधार (Aadhaar) की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने इस पर फिर असहमति जताई. मामले में चेंबर में विचार हुआ. राज्यसभा सांसद जयराम रमेश समेत सात याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर विचार हुआ. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने विचार किया.
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आधार की संवैधानिकता को चुनौती, SC के 5 जजों की बेंच पुनर्विचार याचिकाओं पर करेगी चर्चा
- Sunday January 10, 2021
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: राहुल सिंह
राज्यसभा सांसद जयराम रमेश (Jairam Ramesh) समेत सात याचिकाओं पर विचार होगा. जस्टिस ए एम.खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस बीआर गवई की बेंच इसपर चर्चा करेगी. याचिकाओं में आधार को बहुमत के फैसले के रूप में बरकरार रखने की सरकार के 'वैध उद्देश्य' को पूरा करने के लिए व्यक्तिगत निजता पर एक उचित प्रतिबंध के रूप में अदालत के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई है.
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मौत की सजा के बाद दोषी के बर्ताव के आधार पर फैसला बदलने की इजाजत नहीं दी जा सकती : सुप्रीम कोर्ट
- Thursday January 23, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
मौत की सजायाफ्ता शबनम और सलीम द्वारा दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस मामले में सभी पहलुओं को देखने के बाद फैसला दिया गया था.
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Ayodhya Case : जमीन के मालिकाना हक पर सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला
- Saturday November 9, 2019
- Written by: मानस मिश्रा
Ayodhya Case: अयोध्या में सारी बहस और तथ्यों के बीच आज सिर्फ इस बात का जवाब मिलेगा कि विवादित जमीन पर मालिकाना हक किसका है. अदालत में फैसला सिर्फ इसी बात का होना है. कोर्ट में बहस के दौरान दलीलें भी इसी बात को लेकर दोनों पक्षों की ओर से दी गई हैं. संविधान सभा का आज का फैसला सिर्फ इसी बात पर टिका हुआ है और इस सवाल का जवाब आते ही इस 100 साल से ज्यादा पुराने इस विवाद से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे. हालांकि यह फैसला इस मामले पर अंतिम फैसला नहीं होगा, इसके बाद रिव्यू पिटीशन दाखिल की जा सकेगी. रिव्यू पिटीशन यानी कि पुनर्विचार याचिका उसी बेंच के पास आती है जो बेंच फैसला सुनाती है. जस्टिस रंजन गोगोई की इस बेंच में उनके अलावा जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. यदि 17 नवंबर के पहले पुनर्विचार याचिका आती है तो इसे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ही सुनेगी. लेकिन यदि यह पिटीशन इसके बाद आई तो अगले चीफ जस्टिस तय करेंगे कि रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई के लिए मौजूदा पीठ में जस्टिस गोगोई की जगह पांचवा जज कौन होगा. सुप्रीम कोर्ट यह भी तय करेगा कि रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई की जाए या नहीं की जाए.
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जिस अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला, जानें उसका इतिहास, अब तक क्या-क्या हुआ?
- Saturday November 9, 2019
- Written by: नितेश श्रीवास्तव
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या विवाद (Ayodhya Case) मामले में शनिवार को फैसला सुनायेगा. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi), जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ , जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की 5 सदस्यीय बेंच शनिवार की सुबह साढ़े दस बजे यह फैसला सुनाएगी.
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अयोध्या मामले की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई, गोविंदाचार्य ने की थी मांग
- Wednesday October 16, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: अल्केश कुशवाहा
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई ने मांग को ठुकरा दी. निर्मोही अखाड़ा की ओर से सुशील जैन ने बहस किया. CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठी में जस्टिस एस ए बोबड़े, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं.
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जिंदा या मृत, उन्हें बाहर निकालें: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार- मेघालय में मजदूरों का क्या हुआ, हम बचाव कार्य से संतुष्ट नहीं
- Thursday January 3, 2019
- Reported by: आशीष भार्गव
जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने कहा कि अगर सरकार कदम उठा रही है तो खदान के मजदूरों का क्या हुआ? बेंच ने कहा, 'मजदूरों को खदान में फंसे हुए कितने दिन हो गए? क्या इस मामले में केंद्र, राज्य और एजेंसियों के बीज समन्वय नहीं है? क्या कोर्ट सेना को कदम उठाने के लिए आग्रह नहीं कर सकता? हम अभी तक उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं हैं. मजदूरों को बाहर निकालने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है. अगर ये भी माना जा रहा है कि वो जिंदा हैं या नहीं तो भी उन्हें बाहर निकाला जाना चाहिए.' साथ ही जस्टिस सीकरी ने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि वे सब जिंदा हैं.
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अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला 2019 के मद्देनजर बेहद अहम
- Thursday September 27, 2018
- Reported by: अखिलेश शर्मा, Edited by: सूर्यकांत पाठक
दशकों से लटके राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद की सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट में अब 29 अक्टूबर से इस मामले की सुनवाई शुरू हो जाएगी. आज एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मस्जिद में नमाज़ पढ़ना इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं, इस सवाल को बड़ी पीठ को भेजने की जरूरत नहीं है.
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बहुमत से अलग जस्टिस नजीर बोले- व्यापक परीक्षण के बिना लिया गया फैसला, धार्मिक आस्था को ध्यान में रखकर विचार की ज़रूरत
- Thursday September 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं’ के बारे में शीर्ष अदालत के 1994 के फैसले को फिर से विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से गुरुवार को इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच में से 2-1 की बहुमत से यह फैसला लिया गया कि इस मामले को बड़ी बेंच के पास नहीं भेजा जाएगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह मामला अयोध्या जमीन विवाद से अलग है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर तीन जजों में से एक जस्टिस अब्दुल नजीर ने अन्य जजों की राय से अपनी असहमति जताई है. जस्टिस एस अब्दुल नजीर का कहना है कि बड़ी बेंच को भेजा जाना चाहिए था मामला.
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सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले पर अहम सुनवाई आज
- Tuesday December 5, 2017
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की अहम सुनवाई होगी. जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी .इस मामले में सबसे बड़ी बाधा थी कागजी कार्यवाही का पूरा नहीं होना, जो अब पूरी हो चुकी है.
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अयोध्या विवाद पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने गठित की तीन जजों की स्पेशल बेंच
- Sunday August 6, 2017
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव, Edited by: प्रवीण प्रसाद सिंह
रामजन्म भूमि बाबरी विवाद पर 11 अगस्त को 2 बजे से सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने के लिए चीफ जस्टिस ने तीन जजों की स्पेशल बेंच बना दी है. जस्टिस दिपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.
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सुप्रीम कोर्ट में की गई पांच जजों की नियुक्ति, राष्ट्रपति ने मुहर लगाई
- Wednesday February 15, 2017
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति के फैसले पर मुहर लगा दी है. मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय किशन कौल, राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नवीन सिन्हा, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक गुप्ता, केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहन एम शांतनागोदर और कर्नाटक हाईकोर्ट के जज एस अब्दुल नजीर सुप्रीम कोर्ट के नए जज होंगे. पांचों जज 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में शपथ ले सकते हैं.
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