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Treasury Bill

'Treasury Bill' - 2 News Result(s)
  • बैंकों की FD से ज्यादा रिटर्न और सुरक्षित निवेश का यह विकल्प कभी आपने चुना

    बैंकों की FD से ज्यादा रिटर्न और सुरक्षित निवेश का यह विकल्प कभी आपने चुना

    केंद्र सरकार अपने फाइनेंशियल दायित्वों के लिए फंड जुटाने के लिए कई प्रकार के वित्तीय साधनों का इस्तेमाल करती है. सामान्य लोग इन साधनों के माध्यम से पैसे कमा सकते हैं और दूसरी तरफ सरकार की मदद भी कर सकते हैं. इन माध्यमों में डेट सिक्योरिटीज़, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट आदि शामिल हैं. इन्हीं में से एक मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट है ट्रेजरी बिल. इसका प्रयोग सरकार अपनी अल्पकालिक आवश्यकताओं के लिए फंड जुटाने के लिए करती है.

  • नरेंद्र मोदी सरकार को RBI से मिलेगा 1.76 लाख करोड़ रुपये का पेआउट : 10 खास बातें

    नरेंद्र मोदी सरकार को RBI से मिलेगा 1.76 लाख करोड़ रुपये का पेआउट : 10 खास बातें

    भारतीय रिज़र्व बैंक, यानी रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पूर्व अध्यक्ष बिमल जालान की अध्यक्षता वाली एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को मानते हुए सोमवार को अपने सरप्लस तथा रिज़र्व भंडार में से 1.76 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार को दिए जाने को मंज़ूरी दे दी. इस रिकॉर्ड ट्रांसफर, जिसमें वर्ष 2018-19 के लिए 1.23 लाख करोड़ रुपये का सरप्लस शामिल है, से सरकार की वित्तीय स्थिति ऐसे समय में मज़बूत हो पाएगी, जब वह लगभग पांच साल में सबसे कम आर्थिक वृद्धि का सामना कर रही है और लगभग हर क्षेत्र में लाखों नौकरियां खत्म हो जाने की आशंका सिर पर झूल रही है. इसके अलावा, इस भुगतान की मदद से सरकार वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3.3 फीसदी तक सीमित रखने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को भी पूरा कर पाएगी. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस भुगतान से सरकार को कर राजस्व में कमी से निपटने में भी मदद मिलेगी, और वह अपने बढ़े खर्चों के लिए भी राशि जुटा पाएगी.

'Treasury Bill' - 2 News Result(s)
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    केंद्र सरकार अपने फाइनेंशियल दायित्वों के लिए फंड जुटाने के लिए कई प्रकार के वित्तीय साधनों का इस्तेमाल करती है. सामान्य लोग इन साधनों के माध्यम से पैसे कमा सकते हैं और दूसरी तरफ सरकार की मदद भी कर सकते हैं. इन माध्यमों में डेट सिक्योरिटीज़, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट आदि शामिल हैं. इन्हीं में से एक मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट है ट्रेजरी बिल. इसका प्रयोग सरकार अपनी अल्पकालिक आवश्यकताओं के लिए फंड जुटाने के लिए करती है.

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    भारतीय रिज़र्व बैंक, यानी रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पूर्व अध्यक्ष बिमल जालान की अध्यक्षता वाली एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को मानते हुए सोमवार को अपने सरप्लस तथा रिज़र्व भंडार में से 1.76 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार को दिए जाने को मंज़ूरी दे दी. इस रिकॉर्ड ट्रांसफर, जिसमें वर्ष 2018-19 के लिए 1.23 लाख करोड़ रुपये का सरप्लस शामिल है, से सरकार की वित्तीय स्थिति ऐसे समय में मज़बूत हो पाएगी, जब वह लगभग पांच साल में सबसे कम आर्थिक वृद्धि का सामना कर रही है और लगभग हर क्षेत्र में लाखों नौकरियां खत्म हो जाने की आशंका सिर पर झूल रही है. इसके अलावा, इस भुगतान की मदद से सरकार वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3.3 फीसदी तक सीमित रखने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को भी पूरा कर पाएगी. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस भुगतान से सरकार को कर राजस्व में कमी से निपटने में भी मदद मिलेगी, और वह अपने बढ़े खर्चों के लिए भी राशि जुटा पाएगी.