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पाकिस्तानी इतिहास में क्यों नहीं मिली चाणक्य को तवज्जो? वहीं के लेखक ने उठाया सवाल
- Wednesday August 2, 2017
- Written by: अभिषेक कुमार
पाकिस्तानी लेखक ने सवाल उठाया है कि महान दार्शनिक चाणक्य उर्फ कौटिल्य को वहां के इतिहास में क्यों तवज्जो नहीं दी गई है?
- ndtv.in
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यूनिवर्सिटी को अवश्य ही स्वतंत्र माहौल वाला होना होगा:राष्ट्रपति
- Monday March 20, 2017
- Edited by: शिखा शर्मा
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि विश्वविद्यालयों और अकादमिक संस्थानों को निर्बाध बौद्धिक बहस के लिए पूर्वाग्रह, हिंसा या किसी कट्टर सिद्धांत से अवश्य ही मुक्त होना होगा. अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन के विदाई सत्र में मुखर्जी ने कहा कि नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला के प्राचीन शिक्षण केंद्रों ने छात्रों और शिक्षकों के रूप में दुनिया भर से मेधावी लोगों को आकषिर्त किया.उन्होंने नालंदा जिले में राजगीर के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में कहा कि ये सब महज शिक्षण के स्थान नहीं हैं बल्कि चार सभ्यताओं..भारतीय, फारसी, यूनानी और चीनी के संगम हैं.
- ndtv.in
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पाकिस्तानी इतिहास में क्यों नहीं मिली चाणक्य को तवज्जो? वहीं के लेखक ने उठाया सवाल
- Wednesday August 2, 2017
- Written by: अभिषेक कुमार
पाकिस्तानी लेखक ने सवाल उठाया है कि महान दार्शनिक चाणक्य उर्फ कौटिल्य को वहां के इतिहास में क्यों तवज्जो नहीं दी गई है?
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यूनिवर्सिटी को अवश्य ही स्वतंत्र माहौल वाला होना होगा:राष्ट्रपति
- Monday March 20, 2017
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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि विश्वविद्यालयों और अकादमिक संस्थानों को निर्बाध बौद्धिक बहस के लिए पूर्वाग्रह, हिंसा या किसी कट्टर सिद्धांत से अवश्य ही मुक्त होना होगा. अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन के विदाई सत्र में मुखर्जी ने कहा कि नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला के प्राचीन शिक्षण केंद्रों ने छात्रों और शिक्षकों के रूप में दुनिया भर से मेधावी लोगों को आकषिर्त किया.उन्होंने नालंदा जिले में राजगीर के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में कहा कि ये सब महज शिक्षण के स्थान नहीं हैं बल्कि चार सभ्यताओं..भारतीय, फारसी, यूनानी और चीनी के संगम हैं.
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