Sohrabuddin Sheikh Case Encounter Verdict
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13 साल में 3-3 जांच एजेंसियों और अदालती मुकदमे के बाद भी नहीं उठ पाया सोहराबुद्दीन की मौत से पर्दा!
- Sunday January 20, 2019
- सुनील कुमार सिंह
इतना ही नहीं तो जज ने तुलसी प्रजापति की पुलिस मुठभेड़ में मौत को सही पाया लेकिन सोहराबुद्दीन शेख के कथित एनकाउंटर को अनसुलझा ही छोड़ दिया. दोनों मुठभेड़ों में कोई लिंक नहीं साबित होने का हवाला दे कथित साजिश की पूरी कहानी को ही दरकिनार कर दिया. पर ये नहीं बताया कि सोहरबुद्दीन को किसने मारा और कौसर बी की मौत कैसे हुई? अलबत्ता तीनों की मौत का दुख जरूर जताया. सवाल है जब मौत हुई है तो किसी ने तो मारा है पर 13 साल में सीआईडी, सीबीआई की जांच और अदालती मुकदमे के बाद भी इसका खुलासा नहीं हो पाया. आखिर क्यों?
- ndtv.in
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'सोहराबुद्दीन मुठभेड़ फर्जी नहीं था', कोर्ट ने सभी 22 आरोपियों को बरी किया, पढ़ें मामले की 10 बड़ी बातें
- Friday December 21, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति मुठभेड़ मामले में आखिरकार 13 साल बाद सीबीआई की स्पेशल कोर्ट का फैसला आ गया. सीबीआई की विशेष अदालत ने अपने फैसले में किसी तरह की साजिश से इनकार करते हुए सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया है. विशेष अदालत ने कहा कि है कि जो भी साक्ष्य और सबूत पेश किए गए, उसमें किसी तरह की साजिश नहीं दिखती. इस मामले में शुरुआत में कुल 38 आरोपी थे, लेकिन मुकदमा शुरू होने से पहले ही आरोपी नेता और IPS अधिकारी आरोप मुक्त हो गए. बचे 22 आरोपियों में 21 जूनियर पुलिसकर्मी और एक बाहरी व्यक्ति हैं. हालांकि, अब इस मामले में सभी को कोर्ट ने बरी कर दिया है.
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13 साल में 3-3 जांच एजेंसियों और अदालती मुकदमे के बाद भी नहीं उठ पाया सोहराबुद्दीन की मौत से पर्दा!
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इतना ही नहीं तो जज ने तुलसी प्रजापति की पुलिस मुठभेड़ में मौत को सही पाया लेकिन सोहराबुद्दीन शेख के कथित एनकाउंटर को अनसुलझा ही छोड़ दिया. दोनों मुठभेड़ों में कोई लिंक नहीं साबित होने का हवाला दे कथित साजिश की पूरी कहानी को ही दरकिनार कर दिया. पर ये नहीं बताया कि सोहरबुद्दीन को किसने मारा और कौसर बी की मौत कैसे हुई? अलबत्ता तीनों की मौत का दुख जरूर जताया. सवाल है जब मौत हुई है तो किसी ने तो मारा है पर 13 साल में सीआईडी, सीबीआई की जांच और अदालती मुकदमे के बाद भी इसका खुलासा नहीं हो पाया. आखिर क्यों?
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सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति मुठभेड़ मामले में आखिरकार 13 साल बाद सीबीआई की स्पेशल कोर्ट का फैसला आ गया. सीबीआई की विशेष अदालत ने अपने फैसले में किसी तरह की साजिश से इनकार करते हुए सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया है. विशेष अदालत ने कहा कि है कि जो भी साक्ष्य और सबूत पेश किए गए, उसमें किसी तरह की साजिश नहीं दिखती. इस मामले में शुरुआत में कुल 38 आरोपी थे, लेकिन मुकदमा शुरू होने से पहले ही आरोपी नेता और IPS अधिकारी आरोप मुक्त हो गए. बचे 22 आरोपियों में 21 जूनियर पुलिसकर्मी और एक बाहरी व्यक्ति हैं. हालांकि, अब इस मामले में सभी को कोर्ट ने बरी कर दिया है.
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