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Public Sentiments

'Public Sentiments' - 2 News Result(s)
  • आर्टिकल 370 हटाने के मुद्दे पर अब नीतीश की पार्टी पड़ी नरम, रुख बदलने का यह है कारण

    आर्टिकल 370 हटाने के मुद्दे पर अब नीतीश की पार्टी पड़ी नरम, रुख बदलने का यह है कारण

    जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आर्टिकल 370 (Article 370) के अधिकांश प्रावधानों को हटाए जाने के मुद्दे पर विरोध दर्ज करा चुका जनता दल यूनाइटेड (JDU)अब इस मुद्दे पर जनभावना के आगे नतमस्तक होता नजर आ रहा है. बुधवार को जेडीयू ने संसद में इस मुद्दे पर अपने विरोध के पक्ष में सफाई दी कि यदि आर्टिकल 370 को हटाने का समर्थन किया जाता तो जॉर्ज फर्नांडिस (George Fernandes) की आत्मा को दुख पहुंचता. उन्होंने इस मुद्दे पर सन 1996 में ही अपना रुख तय कर दिया था. जेडीयू ने कहा है कि अब जब एक बार कानून बन गया तो वह देश का कानून हो गया और हम सब साथ हैं.

  • सर्वप्रिया सांगवान : हम सब आहत हैं

    सर्वप्रिया सांगवान : हम सब आहत हैं

    हर चोट का इलाज दुनिया में है लेकिन ये बार-बार छोटी छोटी बात पर आहत होने वाली भावनाओं वाली बीमारी लाइलाज है। देश अपने कमाने-खाने में व्यस्त है और राजनीति भावनाओं को बचाने में। उसके अलावा मुद्दा है ही क्या।

'Public Sentiments' - 2 News Result(s)
  • आर्टिकल 370 हटाने के मुद्दे पर अब नीतीश की पार्टी पड़ी नरम, रुख बदलने का यह है कारण

    आर्टिकल 370 हटाने के मुद्दे पर अब नीतीश की पार्टी पड़ी नरम, रुख बदलने का यह है कारण

    जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आर्टिकल 370 (Article 370) के अधिकांश प्रावधानों को हटाए जाने के मुद्दे पर विरोध दर्ज करा चुका जनता दल यूनाइटेड (JDU)अब इस मुद्दे पर जनभावना के आगे नतमस्तक होता नजर आ रहा है. बुधवार को जेडीयू ने संसद में इस मुद्दे पर अपने विरोध के पक्ष में सफाई दी कि यदि आर्टिकल 370 को हटाने का समर्थन किया जाता तो जॉर्ज फर्नांडिस (George Fernandes) की आत्मा को दुख पहुंचता. उन्होंने इस मुद्दे पर सन 1996 में ही अपना रुख तय कर दिया था. जेडीयू ने कहा है कि अब जब एक बार कानून बन गया तो वह देश का कानून हो गया और हम सब साथ हैं.

  • सर्वप्रिया सांगवान : हम सब आहत हैं

    सर्वप्रिया सांगवान : हम सब आहत हैं

    हर चोट का इलाज दुनिया में है लेकिन ये बार-बार छोटी छोटी बात पर आहत होने वाली भावनाओं वाली बीमारी लाइलाज है। देश अपने कमाने-खाने में व्यस्त है और राजनीति भावनाओं को बचाने में। उसके अलावा मुद्दा है ही क्या।