Profile Of Sachin Pilot
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दो कंपनियों में काम करने के बाद 26 साल की उम्र में सांसद बने थे सचिन पायलट
- Monday August 10, 2020
- Written by: मानस मिश्रा
राजस्थान में बागी सचिन पायलट ने दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की है. अचानक हुई इस मुलाकात के कई अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. क्योंकि जैसलमेर में रविवार को अशोक गहलोत ने विधायकों से कहा था विधानसभा में एकता दिखाने की जरूरत है इस लड़ाई में जीत होगी. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो पार्टी एक अंदर एक खेमा सचिन पायलट सहित बागियों की वापसी चाहता है तो दूसरी ओर दूसरा गुट ये नहीं चाहता है. आपको बता दें कि सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच रस्साकसी राज्य में सरकार बनने के बाद ही शुरू हो गई थी. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट अपनी ही सरकार पर निशाना साधते देखे गए. दरअसल उनको पूरी उम्मीद थी कि वह विधानसभा चुनाव के बाद उन्हीं को सीएम बनाया जाएगा. लेकिन पार्टी आलाकमान ने अशोक गहलोत पर ही भरोसा जताया. इसके बाद लोकसभा चुनाव में हुई हार के बाद दोनों के बीच तनाव और बढ़ गया. इसी बीच राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात सामने आई. जिसकी जांच के लिए बनाई गए एसओजी ने सचिन पायलट को समन भेज दिया. पायलट ने इसे अपमान और गहलोत की नीचा दिखाने की साजिश बताकर बगावत का झंडा बुलंद कर दिया. फिलहाल अब राजस्थान में नया घटनाक्रम 14 अगस्त को बुलाए गए विधानसभा सत्र के पहले का है.
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दो कंपनियों में काम करने के बाद 26 साल की उम्र में सांसद बने थे सचिन पायलट
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राजस्थान में बागी सचिन पायलट ने दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की है. अचानक हुई इस मुलाकात के कई अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. क्योंकि जैसलमेर में रविवार को अशोक गहलोत ने विधायकों से कहा था विधानसभा में एकता दिखाने की जरूरत है इस लड़ाई में जीत होगी. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो पार्टी एक अंदर एक खेमा सचिन पायलट सहित बागियों की वापसी चाहता है तो दूसरी ओर दूसरा गुट ये नहीं चाहता है. आपको बता दें कि सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच रस्साकसी राज्य में सरकार बनने के बाद ही शुरू हो गई थी. उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट अपनी ही सरकार पर निशाना साधते देखे गए. दरअसल उनको पूरी उम्मीद थी कि वह विधानसभा चुनाव के बाद उन्हीं को सीएम बनाया जाएगा. लेकिन पार्टी आलाकमान ने अशोक गहलोत पर ही भरोसा जताया. इसके बाद लोकसभा चुनाव में हुई हार के बाद दोनों के बीच तनाव और बढ़ गया. इसी बीच राज्यसभा चुनाव में विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात सामने आई. जिसकी जांच के लिए बनाई गए एसओजी ने सचिन पायलट को समन भेज दिया. पायलट ने इसे अपमान और गहलोत की नीचा दिखाने की साजिश बताकर बगावत का झंडा बुलंद कर दिया. फिलहाल अब राजस्थान में नया घटनाक्रम 14 अगस्त को बुलाए गए विधानसभा सत्र के पहले का है.
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