Premchand Novel Nirmala
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प्रेमचंद की कहानियां को आज भी भूले नहीं हैं लोग
- Monday July 31, 2017
- Bhasha
साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद का स्थान उस ऊंचाई पर हैं जहां बिरले पहुंच पाये हैं. उनकी कहानियों में ग्रामीण भारत खासतौर पर किसानों की स्थिति का जो वर्णन है वह किसानों की आज की हालत से कोई खास भिन्न नहीं है.
- ndtv.in
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प्रेमचंद की इस नायिका ने मारा था दहेज लोभी पति के चेहरे पर तमाचा...!
- Saturday October 8, 2016
- Reported by: अनिता शर्मा
उपन्यासकार प्रेमचन्द ने कई महान कृतिया दी हैं. जिनमें से एक है 'निर्मला'. निर्मला का का निर्माण काल 1923 ई. और प्रकाशन का समय 1927 ई. है. प्रेमचन्द्र के उन उपन्यासों में निर्मला बहुत आगे माना जाता है जिन्होंने साहित्य के मानक स्थापित किए. इस उपन्यास में प्रेमचंद ने समाज में औरत के स्त्री और उसकी दशा का चित्रण पेश किया है.
- ndtv.in
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प्रेमचंद की कहानियां को आज भी भूले नहीं हैं लोग
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साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद का स्थान उस ऊंचाई पर हैं जहां बिरले पहुंच पाये हैं. उनकी कहानियों में ग्रामीण भारत खासतौर पर किसानों की स्थिति का जो वर्णन है वह किसानों की आज की हालत से कोई खास भिन्न नहीं है.
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प्रेमचंद की इस नायिका ने मारा था दहेज लोभी पति के चेहरे पर तमाचा...!
- Saturday October 8, 2016
- Reported by: अनिता शर्मा
उपन्यासकार प्रेमचन्द ने कई महान कृतिया दी हैं. जिनमें से एक है 'निर्मला'. निर्मला का का निर्माण काल 1923 ई. और प्रकाशन का समय 1927 ई. है. प्रेमचन्द्र के उन उपन्यासों में निर्मला बहुत आगे माना जाता है जिन्होंने साहित्य के मानक स्थापित किए. इस उपन्यास में प्रेमचंद ने समाज में औरत के स्त्री और उसकी दशा का चित्रण पेश किया है.
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