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Pegasus Inquiry

'Pegasus Inquiry' - 2 News Result(s)
  • केंद्र ने पेगासस जांच कमेटी से सहयोग क्यों नहीं किया

    केंद्र ने पेगासस जांच कमेटी से सहयोग क्यों नहीं किया

    इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार सहयोग नहीं कर रही है। अब इस पर सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता कहते हैं कि उन्हें जानकारी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी को भारत सरकार सहयोग न करे, यह कोई इतनी सामान्य ख़बर नहीं है।

  • Big brother is watching, सुप्रीम कोर्ट पता लगाएगा, ये बिग ब्रदर कौन है

    Big brother is watching, सुप्रीम कोर्ट पता लगाएगा, ये बिग ब्रदर कौन है

    जब सर्वोच्च अदालत अपने फैसले में जॉर्ज ऑरवेल की रचना 1984 का ज़िक्र कर दे तो यह बात लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले किसी भी सरकार के लिए शर्मनाक समझा जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जॉर्ज ऑरवेल का नाम होना ही उन तमाम आशंकाओं को वास्तविकता के करीब ले आता है, जिससे सरकार अनजान बने रहने का नाटक करती है. ऑरवेल का ज़िक्र होना आपातकाल से आगे फासवीदा की आहट का एक ऐसा संकेत है जिसे समझने की ज़िम्मेदारी अदालत ने आम जनता की समझ पर नहीं छोड़ी है बल्कि अपनी तरफ से कह दिया है कि आज का भारत कहां खड़ा है और इस भारत में आपके पीछे कौन दिन रात खड़ा है. बिग ब्रदर इज़ वॉचिंग यू. यह तो सुना होगा आपने. इसी 1984 से आया है जिसके रचनाकार का नाम जॉर्ज ऑरवेल है.

'Pegasus Inquiry' - 2 News Result(s)
  • केंद्र ने पेगासस जांच कमेटी से सहयोग क्यों नहीं किया

    केंद्र ने पेगासस जांच कमेटी से सहयोग क्यों नहीं किया

    इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार सहयोग नहीं कर रही है। अब इस पर सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता कहते हैं कि उन्हें जानकारी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी को भारत सरकार सहयोग न करे, यह कोई इतनी सामान्य ख़बर नहीं है।

  • Big brother is watching, सुप्रीम कोर्ट पता लगाएगा, ये बिग ब्रदर कौन है

    Big brother is watching, सुप्रीम कोर्ट पता लगाएगा, ये बिग ब्रदर कौन है

    जब सर्वोच्च अदालत अपने फैसले में जॉर्ज ऑरवेल की रचना 1984 का ज़िक्र कर दे तो यह बात लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले किसी भी सरकार के लिए शर्मनाक समझा जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जॉर्ज ऑरवेल का नाम होना ही उन तमाम आशंकाओं को वास्तविकता के करीब ले आता है, जिससे सरकार अनजान बने रहने का नाटक करती है. ऑरवेल का ज़िक्र होना आपातकाल से आगे फासवीदा की आहट का एक ऐसा संकेत है जिसे समझने की ज़िम्मेदारी अदालत ने आम जनता की समझ पर नहीं छोड़ी है बल्कि अपनी तरफ से कह दिया है कि आज का भारत कहां खड़ा है और इस भारत में आपके पीछे कौन दिन रात खड़ा है. बिग ब्रदर इज़ वॉचिंग यू. यह तो सुना होगा आपने. इसी 1984 से आया है जिसके रचनाकार का नाम जॉर्ज ऑरवेल है.