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जम्मू कश्मीर चुनाव : इंजीनियर राशिद को जमानत मिलने से क्यों मची खलबली, किसका बिगाड़ेंगे खेल?
- Thursday September 12, 2024
- Written by: सूर्यकांत पाठक
आतंकवाद वित्त पोषण यानी टेरर फंडिंग के मामले (Terror Funding Case) में आरोपी इंजीनियर राशिद (Engineer Rashid) को जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए अदालत ने अंतरिम जमानत दे दी है. उनके जेल से बाहर आने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी में खलबली मच गई है. इंजीनियर राशिद ने बारामूला सीट पर लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को हरा दिया था. वे निर्दलीय सांसद बने. अब विधानसभा चुनाव से पहले वे जेल से बाहर आ गए हैं. इसका विधानसभा चुनाव के गणित पर असर होने की संभावना जताई जा रही है.
- ndtv.in
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आर्टिकल 370 को लेकर बहस में संविधान की प्रति फाड़ी थी, अब जा सकती है इनकी राज्यसभा सदस्यता
- Friday August 9, 2019
- Reported by: अखिलेश शर्मा, Edited by: सूर्यकांत पाठक
जम्मू-कश्मीर की महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के दो राज्यसभा सांसदों पर उनके संसद में असंसदीय व्यवहार को लेकर कठोर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है. उनके आपत्तिजनक आचरण का मामला एथिक्स कमेटी को भेजा जा सकता है. उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू दोनों सांसदों के दुर्व्यहार का प्रकरण आचरण समिति को भेजने का विचार कर रहे हैं. यदि दोनों सांसद दोषी पाए जाते हैं तो उनकी सदस्यता निरस्त की जा सकती है.
- ndtv.in
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जम्मू-कश्मीर को लेकर विपक्ष का सवाल- कैसा खतरा, क्यों बढ़ रही सुरक्षा बलों की तैनाती?
- Friday August 2, 2019
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: सूर्यकांत पाठक
अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से सुरक्षा को लेकर खतरे के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर से लौटने के लिए कहा गया है. सेना व सुरक्षा बलों ने आतंकी खतरे की आशंका जताई है. दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की तादाद बढ़ा दी गई है. इसको लेकर विपक्ष के नेताओं ने मोदी सरकार से सवाल किए हैं. कांग्रेस के महासचिव पीएल पुनिया ने कहा है कि सरकार को संसद में सारी जानकारी रखनी चाहिए कि वह जम्मू-कश्मीर में क्या करने वाली है? पीडीपी के सांसद मीर फयाज ने कहा है कि कश्मीर ट्रुप अभी क्यों भेजे जा रहे हैं? अनुच्छेद 35 ए का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है. उसे हटने नहीं देंगे.
- ndtv.in
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गाय के नाम पर भीड़ द्वारा हत्या को लेकर पीडीपी विधायक ने दिया यह बयान...
- Sunday July 29, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
गौरक्षा के नाम पर पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले का संदर्भ देते हुए बेग ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि गाय के नाम पर मुस्लिमों की हत्या रोकी जानी चाहिए. एक बंटवारा पहले ही 1947 में हो चुका है लेकिन अगर यह जारी रहा तो एक और विभाजन हो सकता है.
- ndtv.in
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गाय के नाम पर लिंचिंग एक और विभाजन का कारण बन सकती है : पीडीपी सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग
- Saturday July 28, 2018
- भाषा
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के वरिष्ठ नेता एवं बारामुला से लोकसभा सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग ने चेतावनी दी कि गौतस्करी के आरोपों को लेकर मुस्लिमों की पीट पीटकर हत्या करने पर यदि तत्काल रोक नहीं लगी तो इससे भारत का एक और बंटवारा हो सकता है.
- ndtv.in
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बुरहान वानी कोई बड़ा आतंकी नहीं था, मारने की बजाय उसे पकड़ा जा सकता था : PDP नेता मुज़फ्फर बेग
- Monday July 18, 2016
- Reported by: उमाशंकर सिंह
पीडीपी के वरिष्ठ नेता और सांसद मुज़फ्फर बेग के मुताबिक़ बुरहान वानी को मारने से पहले राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भरोसे में नहीं लिया गया। वे ये भी कहते हैं कि ख़ुद पुलिस और सुरक्षा बलों की तरफ़ से ये दावा किया जाता था कि बुरहान वानी को वे जब चाहें 15-20 मिनट में ग़िरफ्तार कर सकते हैं।
- ndtv.in
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जम्मू कश्मीर चुनाव : इंजीनियर राशिद को जमानत मिलने से क्यों मची खलबली, किसका बिगाड़ेंगे खेल?
- Thursday September 12, 2024
- Written by: सूर्यकांत पाठक
आतंकवाद वित्त पोषण यानी टेरर फंडिंग के मामले (Terror Funding Case) में आरोपी इंजीनियर राशिद (Engineer Rashid) को जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए अदालत ने अंतरिम जमानत दे दी है. उनके जेल से बाहर आने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी में खलबली मच गई है. इंजीनियर राशिद ने बारामूला सीट पर लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को हरा दिया था. वे निर्दलीय सांसद बने. अब विधानसभा चुनाव से पहले वे जेल से बाहर आ गए हैं. इसका विधानसभा चुनाव के गणित पर असर होने की संभावना जताई जा रही है.
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आर्टिकल 370 को लेकर बहस में संविधान की प्रति फाड़ी थी, अब जा सकती है इनकी राज्यसभा सदस्यता
- Friday August 9, 2019
- Reported by: अखिलेश शर्मा, Edited by: सूर्यकांत पाठक
जम्मू-कश्मीर की महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के दो राज्यसभा सांसदों पर उनके संसद में असंसदीय व्यवहार को लेकर कठोर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है. उनके आपत्तिजनक आचरण का मामला एथिक्स कमेटी को भेजा जा सकता है. उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू दोनों सांसदों के दुर्व्यहार का प्रकरण आचरण समिति को भेजने का विचार कर रहे हैं. यदि दोनों सांसद दोषी पाए जाते हैं तो उनकी सदस्यता निरस्त की जा सकती है.
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जम्मू-कश्मीर को लेकर विपक्ष का सवाल- कैसा खतरा, क्यों बढ़ रही सुरक्षा बलों की तैनाती?
- Friday August 2, 2019
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: सूर्यकांत पाठक
अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से सुरक्षा को लेकर खतरे के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर से लौटने के लिए कहा गया है. सेना व सुरक्षा बलों ने आतंकी खतरे की आशंका जताई है. दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की तादाद बढ़ा दी गई है. इसको लेकर विपक्ष के नेताओं ने मोदी सरकार से सवाल किए हैं. कांग्रेस के महासचिव पीएल पुनिया ने कहा है कि सरकार को संसद में सारी जानकारी रखनी चाहिए कि वह जम्मू-कश्मीर में क्या करने वाली है? पीडीपी के सांसद मीर फयाज ने कहा है कि कश्मीर ट्रुप अभी क्यों भेजे जा रहे हैं? अनुच्छेद 35 ए का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है. उसे हटने नहीं देंगे.
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गाय के नाम पर भीड़ द्वारा हत्या को लेकर पीडीपी विधायक ने दिया यह बयान...
- Sunday July 29, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
गौरक्षा के नाम पर पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले का संदर्भ देते हुए बेग ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि गाय के नाम पर मुस्लिमों की हत्या रोकी जानी चाहिए. एक बंटवारा पहले ही 1947 में हो चुका है लेकिन अगर यह जारी रहा तो एक और विभाजन हो सकता है.
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गाय के नाम पर लिंचिंग एक और विभाजन का कारण बन सकती है : पीडीपी सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग
- Saturday July 28, 2018
- भाषा
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के वरिष्ठ नेता एवं बारामुला से लोकसभा सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग ने चेतावनी दी कि गौतस्करी के आरोपों को लेकर मुस्लिमों की पीट पीटकर हत्या करने पर यदि तत्काल रोक नहीं लगी तो इससे भारत का एक और बंटवारा हो सकता है.
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बुरहान वानी कोई बड़ा आतंकी नहीं था, मारने की बजाय उसे पकड़ा जा सकता था : PDP नेता मुज़फ्फर बेग
- Monday July 18, 2016
- Reported by: उमाशंकर सिंह
पीडीपी के वरिष्ठ नेता और सांसद मुज़फ्फर बेग के मुताबिक़ बुरहान वानी को मारने से पहले राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भरोसे में नहीं लिया गया। वे ये भी कहते हैं कि ख़ुद पुलिस और सुरक्षा बलों की तरफ़ से ये दावा किया जाता था कि बुरहान वानी को वे जब चाहें 15-20 मिनट में ग़िरफ्तार कर सकते हैं।
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