'Pandit jasraj' - 4 न्यूज़ रिजल्ट्स
- Blogs | शनिवार अगस्त 22, 2020 10:45 PM ISTआम तौर पर शास्त्रीय संगीत सभाओं में इस परंपरा में रुचि रखने वाले या फिर वे रसिक, जो इसके अलौकिक आनंद में गोता लगाना जानते हैं, ही पहुंचते हैं. लेकिन पंडित जसराज की सभाओं में श्रोताओं का समूह इससे कुछ जुदा होता था. उनकी सभाओं में शुद्ध शास्त्रीय संगीतों के रसिकों के अलावा वे आम श्रोता भी होते थे जो भारतीय भक्ति परंपरा में विश्वास रखते थे. इसका कारण था मेवाती घराने की वह सुर धारा जिसका कहीं अधिक उन्नत स्वरूप पंडित जसराज के गायन में देखने को मिलता है. पंडित जी ने अपने गायन में उस वैष्णव भक्ति परंपरा को चुना जो भारतीय संस्कृति का मजबूत आधार रही है. दैवीय आख्यान मेवाती घराने की विशेषता रही है. यह वह परंपरा है जिसका विकास मंदिरों में गायन से हुआ है. यह 'टेंपल म्युजिक' है. यह संगीत का वही स्वरूप है जो निराकार को साकर करता है, जो निराकार को सुरों में संजोकर आकार देता है. जो मानव को चिरंतन में लीन होने की दिशा में ले जाता है. पंडित जसराज की बंदिशें देवों को समर्पित हैं. वे देव जो भारतीय संस्कृति का अमिट हिस्सा हैं. पंडित जी के सुरों के साथ शब्द ब्रह्म आम लोगों के मन की थाह तक पहुंचते रहे.
- Faith | मंगलवार अगस्त 18, 2020 05:41 PM ISTमिश्र ने कहा ,‘‘ हमने कहा कि अरे भाई साहब आप हमसे बड़े हैं. आशीर्वाद क्या दें, शुभकामना दे सकते हैं. इस पर बोले कि आपको बहुत चीजें याद है और आप बहुत कुछ गाते हैं तो हम आपको नमस्कार करते हैं.’’ मिश्र ने कहा ,‘‘ यह दर्शाता है कि वह किस दर्जे के कलाकार थे.
- India | सोमवार अगस्त 17, 2020 07:31 PM ISTमशहूर शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का 90 वर्ष की उम्र में अमेरिका में निधन हो गया. 'पंडितजी' शास्त्रीय संगीत के मेवाती घराने से ताल्लुक रखते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित जसराज के निधन पर शोक जताया है.
- Celebrity Profile | गुरुवार जुलाई 19, 2018 04:28 PM ISTउस सम्मेलन में उन्होंने पंडित डी.वी. पलुस्कर, पंडित रविशंकर तथा एक अन्य कलाकार के साथ रात भर तबला बजाया. '1946 में ही मैंने अन्नपूर्णा जी को पहली बार देखा था. तब पंडित रविशंकर जी बोरिवली में रहते थे और पन्नालाल घोष जी मलाड में रहते थे. मैं बड़े भाई साहब (पंडित मणिराम जी) के साथ पंडित रविशंकर को यवला फेस्टिवल के लिए बुक करने के लिए उनके घर गया था.