India | Reported by: राजीव पाठक, Edited by: सूर्यकांत पाठक |सोमवार मई 30, 2016 04:30 PM IST पंचायती राज में पद आरक्षित होने से दलित समुदाय को प्रतिनिधित्व का मौका तो मिल रहा है लेकिन अगड़ी जातियों के प्रभुत्व के आगे यह प्रतिनिधि कठपुतली बने रहने के लिए मजबूर हैं। यदि वे दबाव स्वीकार न करें तो उनके खिलाफ तुरंत चक्रव्यूह रच दिए जाते हैं। इन प्रतिनिधियों की व्यथा के कई उदाहरण सामने आए हैं।