Nobel Award 2019
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नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी और राजस्थान पुलिस के बीच है ये 'कनेक्शन'
- Thursday October 17, 2019
- आईएएनएस
नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) और एस्तेर डुफ्लो के साथ अपने जुड़ाव को लेकर राजस्थान पुलिस गौरवान्वित महसूस कर रही है.1989 बैच की राजस्थान काडर की आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी नीना सिंह ने अभिजीत बनर्जी और एस्तेर डुफ्लो के साथ दो शोध पत्रों का सह-लेखन किया है.
- ndtv.in
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नोबेल पुरस्कार के ऐलान के बाद क्या थी Abhijit Banerjee की प्रतिक्रिया, खुद बताया
- Tuesday October 15, 2019
- Reported by: भाषा
नोबेलप्राइज डॉट ऑर्ग को दिए एक इंटरव्यू में अभिजीत बनर्जी ने कहा, ‘हां, अहले सुबह की बात है. मैं इतनी सुबह नहीं जगता. मैंने सोचा कि अगर मैं सोया नहीं तो गड़बड़ हो जाएगी.’ न्यूयॉर्क के समय के मुताबिक सोमवार सुबह छह बजे तीनों को 2019 के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई.
- ndtv.in
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TOP 5 NEWS: मेडिसिन के क्षेत्र में नोबेल की हुई घोषणा, आरे में पेड़ कटाई पर SC ने लगाई रोक
- Monday October 7, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
मेडिसिन के क्षेत्र में इस बार नोबेल पुरस्कार अमेरिका के विलियम कायलिन, ग्रेग सेमेन्ज़ा और ब्रिटेन के पीटर रैटक्लिफ को दिया गया है.
- ndtv.in
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Gandhi Jayanti: आखिर महात्मा गांधी को क्यों कभी नहीं मिला शांति का नोबेल पुरस्कार
- Wednesday October 2, 2019
- Written by: अर्चित गुप्ता
Gandhi Jayanti 2019: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) पूरी दुनिया में सत्य और अहिंसा के पुजारी के रूप में जाने जाते हैं. अहिंसा के बल पर देश को अंग्रेजों के शासन से आजाद कराने वाले बापू ने देश में शांति बनाए रखने के लिए क्या कुछ नहीं किया. गांधी जी (Mahatma Gandhi) 20वीं सदी में अहिंसा के सबसे बड़े प्रतीक बने और यही कारण रहा है कि उन्हें कई बार शांति का नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया. गांधी जी सन 1937, 1938, 1939, 1947 और 1948 में शांति का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) के लिए नॉमिनेट हुए. लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि उन्हें एक बार भी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला. Nobelprize.org पर दी गई जानकारी के मुताबिक 1937 में पहली बार नॉर्वे की संसद “स्टॉर्टिंग” के लेबर पार्टी सदस्य ओले कोल्बजोर्नसन ने गांधी (Gandhi) का नाम सुझाया था.
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नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी और राजस्थान पुलिस के बीच है ये 'कनेक्शन'
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नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) और एस्तेर डुफ्लो के साथ अपने जुड़ाव को लेकर राजस्थान पुलिस गौरवान्वित महसूस कर रही है.1989 बैच की राजस्थान काडर की आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी नीना सिंह ने अभिजीत बनर्जी और एस्तेर डुफ्लो के साथ दो शोध पत्रों का सह-लेखन किया है.
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नोबेल पुरस्कार के ऐलान के बाद क्या थी Abhijit Banerjee की प्रतिक्रिया, खुद बताया
- Tuesday October 15, 2019
- Reported by: भाषा
नोबेलप्राइज डॉट ऑर्ग को दिए एक इंटरव्यू में अभिजीत बनर्जी ने कहा, ‘हां, अहले सुबह की बात है. मैं इतनी सुबह नहीं जगता. मैंने सोचा कि अगर मैं सोया नहीं तो गड़बड़ हो जाएगी.’ न्यूयॉर्क के समय के मुताबिक सोमवार सुबह छह बजे तीनों को 2019 के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई.
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- Monday October 7, 2019
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Gandhi Jayanti: आखिर महात्मा गांधी को क्यों कभी नहीं मिला शांति का नोबेल पुरस्कार
- Wednesday October 2, 2019
- Written by: अर्चित गुप्ता
Gandhi Jayanti 2019: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) पूरी दुनिया में सत्य और अहिंसा के पुजारी के रूप में जाने जाते हैं. अहिंसा के बल पर देश को अंग्रेजों के शासन से आजाद कराने वाले बापू ने देश में शांति बनाए रखने के लिए क्या कुछ नहीं किया. गांधी जी (Mahatma Gandhi) 20वीं सदी में अहिंसा के सबसे बड़े प्रतीक बने और यही कारण रहा है कि उन्हें कई बार शांति का नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया. गांधी जी सन 1937, 1938, 1939, 1947 और 1948 में शांति का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) के लिए नॉमिनेट हुए. लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि उन्हें एक बार भी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला. Nobelprize.org पर दी गई जानकारी के मुताबिक 1937 में पहली बार नॉर्वे की संसद “स्टॉर्टिंग” के लेबर पार्टी सदस्य ओले कोल्बजोर्नसन ने गांधी (Gandhi) का नाम सुझाया था.
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