India | Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: मानस मिश्रा |रविवार मार्च 8, 2020 02:29 PM IST सुक्का, हड़मा, दोका, पाण्डू, मंगल, गुण्डरू, पीड़े और चुले के 'भूत' आए उन्होंने 4 जुलाई 2014 को हिरोली में ग्राम सभा में भाग लिया. उसी के आधार पर छत्तीसगढ़ के बैलाडीला के नंदराज पहाड़ पर स्थित डिपॉजिट-13 की ज़मीन एनसीएल को दे दी गई. यक़ीन नहीं हो रहा लेकिन यह सच है, क्योंकि इन सब लोगों की मौत 4 जुलाई साल 2014 के पहले हो चुकी थी. यही नहीं घुरवा, मोटू, लखमा, सोमडू, आन्दा, पोदिया, भीमा, गुड्डी, लच्छू,भूमा, लोकेश, सुरेश कुछ दिनों में अंगूठा छाप से लिखने पढ़ने वाले बन गये क्योंकि कार्यवाही रजिस्टर में उन्होंने अंगूठा लगाया, लेकिन शपथपूर्वक बयान देते वक्त दस्तखत किए.