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Mirza Ghalib 153rd Death Anniversary

'Mirza Ghalib 153rd Death Anniversary' - 1 News Result(s)
  • हुई मुद्दत कि ग़ालिब मर गया, पर याद आता है... 

    हुई मुद्दत कि ग़ालिब मर गया, पर याद आता है... 

    यह अनायास नहीं है कि पूंजी के कसते शिकंजे के बीच आधुनिकता नाम का जो दोजख हम बना रहे हैं, उसमें ग़ालिब किसी फ़रिश्ते की तरह किसी फ़िरदौस से आते हैं और एक मरहम, एक फ़ाहा हमारी ज़ख़्मी रूहों पर लगा जाते हैं. वे एक पीछे छूट रहे हिंदुस्तान की ख़ुशबू हैं जिन्हें बचाए रखना ज़रूरी है.

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  • हुई मुद्दत कि ग़ालिब मर गया, पर याद आता है... 

    हुई मुद्दत कि ग़ालिब मर गया, पर याद आता है... 

    यह अनायास नहीं है कि पूंजी के कसते शिकंजे के बीच आधुनिकता नाम का जो दोजख हम बना रहे हैं, उसमें ग़ालिब किसी फ़रिश्ते की तरह किसी फ़िरदौस से आते हैं और एक मरहम, एक फ़ाहा हमारी ज़ख़्मी रूहों पर लगा जाते हैं. वे एक पीछे छूट रहे हिंदुस्तान की ख़ुशबू हैं जिन्हें बचाए रखना ज़रूरी है.

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