Maulana Arshad Madni
- सब
- ख़बरें
-
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी के बयान पर हुआ विवाद
- Sunday February 12, 2023
दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी के एक बयान पर विवाद हो गया. मौलाना मदनी के बयान से नाराज होकर वहां मौजूद कई धर्मगुरुओं ने मंच छोड़ दिया. रामलीला मैदान पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन में मौलाना मदनी ने कहा कि 'अल्लाह' और 'ओम' एक हैं. इस पर जैन मुनि लोकेश ने आपत्ति जाहिर की. उन्होंने कहा कि इस मंच पर ऐसे बयान का क्या मतलब है. इसके बाद लोकश मुनि के साथ कई धर्मगुरुओं ने मंच छोड़ दिया और वहां से बाहर चले गए.
-
ndtv.in
-
मौलाना अरशद मदनी ने कहा - स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश को सामने रखते हुए ईद-उल-अजहा की नमाज़ अदा करें
- Wednesday July 29, 2020
जमीअत उलमा-ए-हिंद अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मुसलमानों को सलाह दी है कि वह मस्जिदों या घरों में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश को सामने रखते हुए ईद-उल-अजहा की नमाज़ अदा करें.
-
ndtv.in
-
Coronavirus: मौलाना अरशद मदनी ने कहा- शब ए बारात पर मस्जिद और कब्रिस्तान में न जाएं मुसलमान
- Thursday April 9, 2020
Coronavirus: जमीअत उलमा-ए-हिन्द अध्यक्ष (मौलाना) अरशद मदनी ने शब ए बारात को लेकर अहम अपील की है. इस अपील में कहा गया कि शबे बरात के मौक़े पर घरों से बाहर न निकलें और ना ही क़ब्रिस्तान जाएं क्योंकि कोरोना वायरस इन दिनों भारत और दुनिया में बेहद खतरनाक रूप लेता जा रहा है. इससे जान व माल के नुकसान पर काबू पाना बहुत ज़रूरी है. सुरक्षा की खातिर देश में लॉकडाउन जारी है. इसका पालन करते हुए मस्जिदों में भी जमाअत और जुमा को स्थगित कर दिया गया है और घरों में नमाज़ अदा की जा रही है.
-
ndtv.in
-
तबलीगी जमात के लोग जहां भी हैं, प्रशासन से सहयोग करें : मौलाना अरशद मदनी
- Tuesday April 7, 2020
कोरोनावायरस, और उससे उपजी महामारी COVID-19 समूची मानव जाति के लिए वैश्विक त्रासदी है, जिसे सिर्फ सोशल डिस्टैन्सिंग, सतर्कता और जागरूकता से ही हराया जा सकता है. जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने तबलीगी जमात के समूचे देश में मौजूद लोगों से प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की है और प्रशासन से भी अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
-
ndtv.in
-
Ayodhya Verdict : मौलाना अरशद मदनी ने कहा, कानून की नजर में अयोध्या में बाबरी मस्जिद थी और कयामत तक रहेगी
- Friday November 15, 2019
अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर समीक्षा के लिए आयोजित जमीयत उलेमा हिन्द राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक के निष्कर्ष में अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि कोर्ट का फैसला समझ से परे है. कानून और न्याय की नजर में वहां बाबरी मस्जिद थी और है और कयामत तक मस्जिद ही रहेगी फिर चाहे उसको कोई भी नाम या स्वरूप क्यों न दे दिया जाए.
-
ndtv.in
-
फैसला हमारी उम्मीद के मुताबिक नहीं, लेकिन इसे हार-जीत की दृष्टि से न देखें : मौलाना अरशद मदनी
- Saturday November 9, 2019
Ayodhya Verdict : अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले (Ayodhya Case) पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जमीयत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि 'यह निर्णय हमारी अपेक्षा के अनुकूल नही हैं परन्तु सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च संस्था है. उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे इस निर्णय को हार-जीत की दृष्टि से न देखें और देश में अमन एवं भाईचारे के वातावरण को बनाए रखें.'
-
ndtv.in
-
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी के बयान पर हुआ विवाद
- Sunday February 12, 2023
दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी के एक बयान पर विवाद हो गया. मौलाना मदनी के बयान से नाराज होकर वहां मौजूद कई धर्मगुरुओं ने मंच छोड़ दिया. रामलीला मैदान पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन में मौलाना मदनी ने कहा कि 'अल्लाह' और 'ओम' एक हैं. इस पर जैन मुनि लोकेश ने आपत्ति जाहिर की. उन्होंने कहा कि इस मंच पर ऐसे बयान का क्या मतलब है. इसके बाद लोकश मुनि के साथ कई धर्मगुरुओं ने मंच छोड़ दिया और वहां से बाहर चले गए.
-
ndtv.in
-
मौलाना अरशद मदनी ने कहा - स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश को सामने रखते हुए ईद-उल-अजहा की नमाज़ अदा करें
- Wednesday July 29, 2020
जमीअत उलमा-ए-हिंद अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मुसलमानों को सलाह दी है कि वह मस्जिदों या घरों में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश को सामने रखते हुए ईद-उल-अजहा की नमाज़ अदा करें.
-
ndtv.in
-
Coronavirus: मौलाना अरशद मदनी ने कहा- शब ए बारात पर मस्जिद और कब्रिस्तान में न जाएं मुसलमान
- Thursday April 9, 2020
Coronavirus: जमीअत उलमा-ए-हिन्द अध्यक्ष (मौलाना) अरशद मदनी ने शब ए बारात को लेकर अहम अपील की है. इस अपील में कहा गया कि शबे बरात के मौक़े पर घरों से बाहर न निकलें और ना ही क़ब्रिस्तान जाएं क्योंकि कोरोना वायरस इन दिनों भारत और दुनिया में बेहद खतरनाक रूप लेता जा रहा है. इससे जान व माल के नुकसान पर काबू पाना बहुत ज़रूरी है. सुरक्षा की खातिर देश में लॉकडाउन जारी है. इसका पालन करते हुए मस्जिदों में भी जमाअत और जुमा को स्थगित कर दिया गया है और घरों में नमाज़ अदा की जा रही है.
-
ndtv.in
-
तबलीगी जमात के लोग जहां भी हैं, प्रशासन से सहयोग करें : मौलाना अरशद मदनी
- Tuesday April 7, 2020
कोरोनावायरस, और उससे उपजी महामारी COVID-19 समूची मानव जाति के लिए वैश्विक त्रासदी है, जिसे सिर्फ सोशल डिस्टैन्सिंग, सतर्कता और जागरूकता से ही हराया जा सकता है. जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने तबलीगी जमात के समूचे देश में मौजूद लोगों से प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की है और प्रशासन से भी अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
-
ndtv.in
-
Ayodhya Verdict : मौलाना अरशद मदनी ने कहा, कानून की नजर में अयोध्या में बाबरी मस्जिद थी और कयामत तक रहेगी
- Friday November 15, 2019
अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर समीक्षा के लिए आयोजित जमीयत उलेमा हिन्द राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक के निष्कर्ष में अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि कोर्ट का फैसला समझ से परे है. कानून और न्याय की नजर में वहां बाबरी मस्जिद थी और है और कयामत तक मस्जिद ही रहेगी फिर चाहे उसको कोई भी नाम या स्वरूप क्यों न दे दिया जाए.
-
ndtv.in
-
फैसला हमारी उम्मीद के मुताबिक नहीं, लेकिन इसे हार-जीत की दृष्टि से न देखें : मौलाना अरशद मदनी
- Saturday November 9, 2019
Ayodhya Verdict : अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले (Ayodhya Case) पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जमीयत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि 'यह निर्णय हमारी अपेक्षा के अनुकूल नही हैं परन्तु सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च संस्था है. उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे इस निर्णय को हार-जीत की दृष्टि से न देखें और देश में अमन एवं भाईचारे के वातावरण को बनाए रखें.'
-
ndtv.in