Pune | Reported by: भाषा |रविवार मई 3, 2020 05:17 PM IST उन्होंने कहा, ‘इन लोगों में निश्चित रूप से वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी विकसित हो चुकी हैं और अब देखना है कि कितने प्लाज्मा दान करते हैं. प्लाज्मा लेने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले इन लोगों की दोबारा जांच की जाएगी.’ सालुंखे ने कहा, ‘ICMR ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यह पद्धति COVID-19 का इलाज नहीं है. हम इस पद्धति का इस्तेमाल गंभीर मरीजों के इलाज के आखिरी विकल्प के रूप में कर रहे हैं.’