M Nageswara Rao
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- Tuesday February 12, 2019
 - Reported by: आशीष भार्गव
 
बिहार शेल्टर होम (Bihar Shelter Home Rape Case) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के अवमानना का सामना कर रहे सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव (Nageswara Rao) को कोर्ट ने अनोखी सजा सुनाई और उन्हें दिन भर के लिए कोर्ट के एक कोने में बैठने की सजा दी.
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                                                                                                       कोर्ट की अवमानना केस: CBI के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को SC ने दी अनोखी सजा, 10 बड़ी बातें
- Tuesday February 12, 2019
 - ख़बर न्यूज़ डेस्क
 
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला में सीबीआई के जांच अधिकारी का तबादला करने पर सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. सुप्रीम कोर्ट ने जांच अधिकारी का तबादला ना करने का आदेश दिया था, लेकिन उसके बाद भी जांच अधिकारी एके शर्मा का तबादला कर दिया गया. इस पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए नागेश्वर राव को अवमानना के केस में तलब किया था. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने नागेश्वर राव और एक अन्य अधिकारी को कोर्ट चलने तक वहीं एक कोने में बैठे रहने की सजा सुनाई. इससे पहले सोमवार को राव ने सुप्रीम कोर्ट हलफनामा दाखिल किया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी थी और हलफनामे में कहा था कि वह अपनी गलती स्वीकार करते हैं कि अदालत के आदेश के बिना मुख्य जांच अधिकारी को स्थानांतरित नहीं करना चाहिए था.
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                                                                                                       CBI के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव अवमानना के दोषी करार, सुप्रीम कोर्ट ने दी सजा- जब तक कोर्ट चलेगी, तब तक एक कोने में बैठे रहेंगे
- Tuesday February 12, 2019
 - Reported by: आशीष भार्गव
 
बिहार शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट के अवमानना का सामना कर रहे सीबीआई के तत्कालीन अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट बरसा.
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- Thursday January 31, 2019
 - Reported by: आशीष भार्गव
 
सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में एम. नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. गैर सरकारी संगठन ‘कामन कॉज’ ने सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में एम. नागेश्वर राव की नियुक्ति निरस्त करने का आग्रह किया गया था. प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर इस याचिका में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना कानून- 1946 की धारा 4 ए के तहत लोकपाल और लोकायुक्त कानून, 2013 में किए गए संशोधन में प्रतिपादित प्रक्रिया के अनुसार केंद्र को जांच एजेंसी का नियमित निदेशक नियुक्त करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है.
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- Thursday January 24, 2019
 - ख़बर न्यूज़ डेस्क
 
केस से अलग होते हुए सीजेआई ने कहा था कि वह याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते क्योंकि वह अगले सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली समिति बैठक का हिस्सा होंगे. प्रधानमंत्री, विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी का नेता और सीजेआई या उनके द्वारा नामित शीर्ष अदालत का कोई न्यायाधीश इस उच्चाधिकार प्राप्त समिति का हिस्सा होते हैं. सीजेआई ने खुद को केस से अलग करते हुए आग्रह किया था कि CBI निदेशक को शॉर्टलिस्ट किए जाने, चुने जाने तथा नियुक्ति करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए.
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- Monday January 21, 2019
 - ख़बर न्यूज़ डेस्क
 
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) ने एम नागेश्वर राव (M Nageswara Rao) को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है.
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- Monday January 21, 2019
 - ख़बर न्यूज़ डेस्क
 
नागेश्वर राव की नियुक्ति को गैर-सरकारी संगठन 'कॉमन कॉज़' ने याचिका दायर करके सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि नियुक्ति मनमानी और गैरकानूनी है. याचिका के अनुसार नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त करने का सरकार का पिछले साल 23 अक्टूबर का आदेश शीर्ष अदालत ने निरस्त कर दिया था. लेकिन सरकार ने मनमाने, गैरकानूनी और दुर्भावनापूर्ण तरीके से कदम उठाते हुए पुन: यह नियुक्ति कर दी.
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- Wednesday January 16, 2019
 - Reported by: आशीष भार्गव
 
CBI Case: एम नागेश्वर राव को CBI का अंतरिम निदेशक बनाए जाने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है
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- Tuesday February 12, 2019
 - Reported by: आशीष भार्गव
 
बिहार शेल्टर होम (Bihar Shelter Home Rape Case) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के अवमानना का सामना कर रहे सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव (Nageswara Rao) को कोर्ट ने अनोखी सजा सुनाई और उन्हें दिन भर के लिए कोर्ट के एक कोने में बैठने की सजा दी.
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                                                                                                       कोर्ट की अवमानना केस: CBI के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को SC ने दी अनोखी सजा, 10 बड़ी बातें
- Tuesday February 12, 2019
 - ख़बर न्यूज़ डेस्क
 
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला में सीबीआई के जांच अधिकारी का तबादला करने पर सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. सुप्रीम कोर्ट ने जांच अधिकारी का तबादला ना करने का आदेश दिया था, लेकिन उसके बाद भी जांच अधिकारी एके शर्मा का तबादला कर दिया गया. इस पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए नागेश्वर राव को अवमानना के केस में तलब किया था. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने नागेश्वर राव और एक अन्य अधिकारी को कोर्ट चलने तक वहीं एक कोने में बैठे रहने की सजा सुनाई. इससे पहले सोमवार को राव ने सुप्रीम कोर्ट हलफनामा दाखिल किया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी थी और हलफनामे में कहा था कि वह अपनी गलती स्वीकार करते हैं कि अदालत के आदेश के बिना मुख्य जांच अधिकारी को स्थानांतरित नहीं करना चाहिए था.
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- Tuesday February 12, 2019
 - Reported by: आशीष भार्गव
 
बिहार शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट के अवमानना का सामना कर रहे सीबीआई के तत्कालीन अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट बरसा.
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- Thursday January 31, 2019
 - Reported by: आशीष भार्गव
 
सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में एम. नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. गैर सरकारी संगठन ‘कामन कॉज’ ने सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में एम. नागेश्वर राव की नियुक्ति निरस्त करने का आग्रह किया गया था. प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर इस याचिका में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना कानून- 1946 की धारा 4 ए के तहत लोकपाल और लोकायुक्त कानून, 2013 में किए गए संशोधन में प्रतिपादित प्रक्रिया के अनुसार केंद्र को जांच एजेंसी का नियमित निदेशक नियुक्त करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है.
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- Thursday January 24, 2019
 - ख़बर न्यूज़ डेस्क
 
केस से अलग होते हुए सीजेआई ने कहा था कि वह याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते क्योंकि वह अगले सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली समिति बैठक का हिस्सा होंगे. प्रधानमंत्री, विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी का नेता और सीजेआई या उनके द्वारा नामित शीर्ष अदालत का कोई न्यायाधीश इस उच्चाधिकार प्राप्त समिति का हिस्सा होते हैं. सीजेआई ने खुद को केस से अलग करते हुए आग्रह किया था कि CBI निदेशक को शॉर्टलिस्ट किए जाने, चुने जाने तथा नियुक्ति करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए.
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- Monday January 21, 2019
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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) ने एम नागेश्वर राव (M Nageswara Rao) को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है.
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- Monday January 21, 2019
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नागेश्वर राव की नियुक्ति को गैर-सरकारी संगठन 'कॉमन कॉज़' ने याचिका दायर करके सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि नियुक्ति मनमानी और गैरकानूनी है. याचिका के अनुसार नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक नियुक्त करने का सरकार का पिछले साल 23 अक्टूबर का आदेश शीर्ष अदालत ने निरस्त कर दिया था. लेकिन सरकार ने मनमाने, गैरकानूनी और दुर्भावनापूर्ण तरीके से कदम उठाते हुए पुन: यह नियुक्ति कर दी.
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- Wednesday January 16, 2019
 - Reported by: आशीष भार्गव
 
CBI Case: एम नागेश्वर राव को CBI का अंतरिम निदेशक बनाए जाने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है
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