Loan Moratorium Extension
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लोन मोरेटोरियम मामले में क्या ग्राहकों को मिलेगी राहत? 1 अक्टूबर तक बताएगी सरकार
- Monday September 28, 2020
- Reported by: ए. वैद्यनाथन, Edited by: नवीन कुमार
लोन मोरेटोरियम अवधि मामले (Loan Moratorium Period Case) में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक बार फिर सुनवाई टल गई. केंद्र सरकार ने और समय मांगा, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 5 अक्टूबर तक टाल दी. केंद्र ने सोमवार को कोर्ट से कहा कि उसका निर्णय एक एडवांस स्थिति में है. उसे अदालत के समक्ष ब्योरा रखने के लिए कुछ और समय चाहिए. अब खबर यह आ रही है कि इस मामले में केंद्र सरकार एक अक्टूबर तक अदालत में हलफनामा दाखिल कर सकती है. सरकार के हलफनामे में कंपाउंड इंटरेस्ट यानी ब्याज पर लगने वाले ब्याज को खत्म करने और अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाए जाने को लेकर केंद्र अपनी बात रख सकता है. सरकार महर्षि कमेटी की सिफारिशों पर भी फैसला ले सकती है. केंद्र ने कहा था कि रिजर्व बैंक के मौजूदा नियम मोरेटोरियम की अवधि को दो साल तक बढ़ाए जाने की इजाजत देते हैं.
- ndtv.in
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लोन मोरेटोरियम अवधि पर याचिकाकर्ता ने कहा- RBI चाहता है कि बैंक Covid में मुनाफा कमाएं
- Wednesday September 2, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: तूलिका कुशवाहा
लोन मोरेटोरियम अवधि के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि इस फैसले से लोन लेने वालों पर दोहरी मार पड़ रही है क्योंकि उनसे चक्रवृद्धि ब्याज यानी कंपाउंडिंग इंट्रस्ट लिया जा रहा है.
- ndtv.in
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केंद्र ने SC को बताया, RBI सर्कुलर के तहत लोन मोरेटोरियम को दो साल के लिए 'बढ़ाया जा सकता है'
- Tuesday September 1, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: पवन पांडे
Loan Moratorium: लोन मोरिटेरियम पीरियड की अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर आज सुनवाई हुई. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोन पर मोहलत की अवधि दो साल के लिए बढाई जा सकती है. याचिककर्ता ने SC से मोहलत की अवधि 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ाने की मांग की है.
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लोन मोरेटोरियम मामले में क्या ग्राहकों को मिलेगी राहत? 1 अक्टूबर तक बताएगी सरकार
- Monday September 28, 2020
- Reported by: ए. वैद्यनाथन, Edited by: नवीन कुमार
लोन मोरेटोरियम अवधि मामले (Loan Moratorium Period Case) में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक बार फिर सुनवाई टल गई. केंद्र सरकार ने और समय मांगा, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 5 अक्टूबर तक टाल दी. केंद्र ने सोमवार को कोर्ट से कहा कि उसका निर्णय एक एडवांस स्थिति में है. उसे अदालत के समक्ष ब्योरा रखने के लिए कुछ और समय चाहिए. अब खबर यह आ रही है कि इस मामले में केंद्र सरकार एक अक्टूबर तक अदालत में हलफनामा दाखिल कर सकती है. सरकार के हलफनामे में कंपाउंड इंटरेस्ट यानी ब्याज पर लगने वाले ब्याज को खत्म करने और अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाए जाने को लेकर केंद्र अपनी बात रख सकता है. सरकार महर्षि कमेटी की सिफारिशों पर भी फैसला ले सकती है. केंद्र ने कहा था कि रिजर्व बैंक के मौजूदा नियम मोरेटोरियम की अवधि को दो साल तक बढ़ाए जाने की इजाजत देते हैं.
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लोन मोरेटोरियम अवधि पर याचिकाकर्ता ने कहा- RBI चाहता है कि बैंक Covid में मुनाफा कमाएं
- Wednesday September 2, 2020
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लोन मोरेटोरियम अवधि के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि इस फैसले से लोन लेने वालों पर दोहरी मार पड़ रही है क्योंकि उनसे चक्रवृद्धि ब्याज यानी कंपाउंडिंग इंट्रस्ट लिया जा रहा है.
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केंद्र ने SC को बताया, RBI सर्कुलर के तहत लोन मोरेटोरियम को दो साल के लिए 'बढ़ाया जा सकता है'
- Tuesday September 1, 2020
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Loan Moratorium: लोन मोरिटेरियम पीरियड की अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर आज सुनवाई हुई. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि लोन पर मोहलत की अवधि दो साल के लिए बढाई जा सकती है. याचिककर्ता ने SC से मोहलत की अवधि 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ाने की मांग की है.
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