India | शुक्रवार नवम्बर 29, 2013 10:48 AM IST सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लिव-इन संबंध स्थापित करना न किसी तरह का अपराध है, और न ही ऐसा करना पाप है, लेकिन संसद को इस तरह के संबंधों में रह रही महिलाओं और उनसे जन्मे बच्चों की रक्षा के लिए कानून बनाना चाहिए।